डियर काव्यांक्षी 😍
लो हाजिर है फिर तुम्हारी सखी तुमसे बतियाने को, पता है काव्यांक्षी कभी कभी लगता है बेमतलब सी ये जिंदगी ना किसी को मेरी जरूरत ना ही मुझसे किसी चाहत काव्यांक्षी अगर हम ना रहे तो किसी को फर्क पड़ेगा क्या किसी मेरी भी याद सताएगी , सच्ची तुम याद करोगी मुझे
लव यू काव्यांक्षी कितनी अच्छी हो तुम सच्ची तुम मेरी प्यारी सखी हो आज तुम्हे कविता में अपने दिल की बात बताऊंगी काव्यांक्षी💟
काव्यांक्षी के लिया काव्या की कविता हाजिर है तो सुनो तुम्हे पसंद आयेगी ना आए तो भी थोड़ी तारीफ कर ही देना झूठी ही सही😜
हंस कर सबसे मिलना
अश्क बन ना किसी दिल को
भिगोना
रूबरू होना ही नही है मुलाकात
मिलकर जब तक घुल ना जाए
दिल से दिल के जज्बात
किसी से मिले इस तरह
सांसों में घुल जाए खुशबू की तरह
किसी मिले तो खुद को ही भूल जाए
किसी में कुछ यू खो जाए
खुशियों की हो परवाह
चाहत हो बेहद बेपनाह
हमारी आह से आंखे उनकी छलक जाए
कोई इस कदर हमे चाहे
मिले तो मुस्कुराहट बन लबों पर खिल जाए
किसी ऐसे आदत बन जाए
चाहकर भी तुमसे दूर न रह पाए
मिलना है तो किसी से ऐसे मिल जाए
साथ हम रहे ना रहे
पर रूह में यू बस जाए चाहकर भी हमे वो भूल ना पाए
कैसी लगी ये कविता काव्यांक्षी बताना अभी चलती हूं जल्दी ही फिर मिलूंगी तब तक miss me 💟
अपना ख्याल रखना, हां मैं भी अपना ख्याल रखूंगी 😚😚🤗🤗💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖🤗🤗
काव्या