हैलो डियर काव्यांक्षी
Good morning sweetu😘😘☕☕❣️
कैसी हो डियर, मै भी अच्छी हू, काव्यांक्षी लोग पता नहीं क्यों इतना अभिमान करने लगते है, जाने क्या मिल जाता है, काव्यांक्षी ये अभिमान ना खुद का सबसे बड़ा दुश्मन होता है, अपनो से दूर कर देता इससे सिर्फ अकेलापन ही तो मिलता है ये सिर्फ खुद पर गर्व करना सिखाता है, गर्व करना बुरा ना है, गर्व जब अहंकार ओर अभिमान का रूप ले तो बुरा है, कहते है अभिमान अहंकार तो महापंडित रावण को भी नहीं टिक पाया तो किसी को क्या बिसात,
पता है,काव्यांक्षी एक दिया अंधेरे में रोशनी कर देता है, अंधेरा दूर कर रोशन राह दिखाता है, अगर वही दिया खुद पर अभिमान करे और अपनी तुलना सूरज और चांद से करे तो और सोचे की सूरज चांद तो रात या दिन में आकर जहां को रोशन करता है, और खुद को महान समझने लगे कि वो दिन ओर रात में जल सकता है, तो अभिमान उसका भी नहीं टिक पाता, एक हल्का सा हवा का झोंका दिये को बुझा जाता है, और दिए का अभिमान चूर हो जाता सिर झुकाए वो नजर आता है,
ये एक कविता पढ़ी थी दिए का अभिमान उसी आधार पर लिखा है काव्यांक्षी
तो इतना समझ लो काव्यांक्षी अभिमान का परिणाम सदा ही बुरा होता है,सहज सरल रहो मुस्कुराए रहो खुश रहने का साथ दूसरो को भी खुश रखो जो दूसरो को खुश नहीं रख सकते तो दुख का कारण भी ना बनो,
अभिमान वो जहर
जो निगलना अच्छाई को
वो बरसाता कहर
दूर रहो अभिमान की परछाई से
काव्या