डियर काव्यांक्षी
Good morning dear ☕☕ कैसी हो , मै अच्छी हू डियर, अगर शब्द के पंख होते तो कितना अच्छा होता शब्द पंख पसारे भरते उड़ान, पहुंच जाते मेरे अपनो के पास उड़कर सजाती उसने अपने अरमान, एहसासों का आसमां देती भाव बन जाते सितारे जगमगाते सारे जज़्बात, एक कविता लिखी है अगर शब्द के पंख होते तो तुम भी पढ़कर बताना काव्यांक्षी कैसी लगी तुम्हे तुम कविता पढ़ो मै चली घर के काम ख़तम करने वरना मुझे देर हो जायेगी डियर अपना ख्याल रखना जल्दी आऊंगी फिर मिलने love you 😘
अगर शब्दो के पंख होते
पल में भरते उड़ान
बनकर सितारे टिमटिमाते
तेरे आसमान
सुना देते तुम्हे
मेरे दिल की दास्तान
ना अनकहे रहते
फिर कोई अहसास
कह जाते जगमगाकर
तुमसे मेरी हर बात
अगर शब्दो के पंख होते तो
बन कर चंचल तितली
छूने आते तेरे दिल की कली
रंगो में सजाकर मेरे जज़्बात
सुना जाते तुम्हे मेरे दिल की बात
अगर शब्दो के पंख होते
ना होते दूरी के मलाल
पंख पसारे उड़ आते
हल कर जाते सारे सवाल
अगर शब्दो के पंख होते तो
पल में भरते उड़ान
तेरे आसमान में सज जाते मेरे अरमान।
काव्या सोनी