हैलो मेरी प्यारी काव्यांक्षी❤️
कैसी हो ,लो आ गई फिर से मिलने,थोड़ी देर गपशप करने, हां अभी ज्यादा देर नहीं बतिया पाऊंगी , काफी रात हो गई ना तो सोना भी है अच्छा एक बात बताऊं तुम्हे काव्यांक्षी,तुम्हे पता है एक औरत का जीवन पूरी तरह से विडंबनाओं से भरा पड़ा है ,
जैसे एक औरत मांग सिंदूर , मंगलसूत्र,चूड़ी, बिंदी, कंगन,पायल, बिछिया, ये सब धारण करती है सुहाग के ढाल के रूप में, ताकि उसके जीवनसाथी उसके हमसफर की उम्र लंबी हो पति के जीवन में कोई कष्ट न आए वो सुरक्षित रहे, वो अपने रखवाले को सुरक्षित रखने के लिए जाने क्या क्या करती है ,कितने व्रत पूजा श्रृंगार ,लेकिन विडंबना तो देखो
उसका पूरा जीवन असुरक्षित के साए में गुजरता है, हैं ना अजीब विडंबना,उसका पूरा जीवन दूसरो को ही समर्पित होता है, फिर भी सुनने को मिलता है तुम्हे कोन रोक सकता है , अपनी मर्जी से जीती हो या करती हो क्या सच में ऐसा है??
काव्या