डियर काव्यांक्षी
कैसी हो प्यारी, शिकायत नही करना तुमसे मिलने आ जाती हु , वक्त के कुछ लम्हे तुम्हारे लिए चुरा ही लेती हुं, आखिर मेरी प्यारी सखी जो हो तुम,ये गलत बात है डियर मीनाक्षी से तुलना मत किया करो, कितनी बार तुम्हे समझाया तुम में तो हम दोनो है , हम दोनो से मिलकर तो तुम हो फिर क्या शिकवे शिकायत, कितनी अच्छी हो तुम बड़ी जल्दी समझ जाती हो तुम मुझे तभी तो तुम्हारे बिना रहा नहीं जाता,💟😍😘😍💟❣️❣️❣️❣️
काव्यांक्षी छोटे छोटे खुशियों के तराशे जिंदगी के आभावों में भी,बड़े ही जतन से बिछाए मुस्कुराहट के फूल जिंदगी की राहों में, ख्वाब भी बुने खुशियों के पल भी चुने,उम्मीद की लौ जलाए रखी , जिंदगी पग पग मुझे परखी,हर डगर चली बहुत बार अपनो से गई थी छली,
फिर भी ना मैं हारी, जिंदगी का सफ़र अब है जारी , मंजिले चाहे खेले जितने खेल, एक दिन राहों का मंजिलों से हो जाना है मेल,इस आस में खुद पर विश्वास से थके ना क़दम,चाहे ना रहे कोई हमदम ,कभी सोच में गुम कभी खोज में,वक्त की कसती सी बाहें दर्द में सिमटी सी आहे,
अनबुझ पहेली सी जिंदगी को सुलझाते है,
हर बार नए तरीके से खुद को समझाते है,
छोटे छोटे सुख ढूंढ ही लेटे है आभावो में ,
अच्छा काव्यांक्षी अब यही बातों का सिलसिला रोकते है फिर मिलते है अपना ख्याल रखना डियर
काव्या