हैलो डियर काव्यांक्षी,
Good morning प्यारी 💓, कैसी हो ,मै भी अच्छी हूं आजकल गर्मी इतनी बढ़ रही है क्या ही कहे, ओर बढ़ेगी भी भई दिन है इसके भी, हम तो बस जतन कर सकते है थोड़े बहुत इससे राहत पाने के, पर काव्यांक्षी सबसे ज्यादा तो खाना बनाते वक्त हालत खराब हो जाती है बस ऐसा लगता कब खाना बने यहां से बाहर निकले,पर गर्मियों कि सुबह बहुत अच्छी लगती है,
काव्यांक्षी
बड़ी अच्छी लगती है सुहानी सी सुबह,मंद मंद जब चलती है हवा, और तुम काव्यांक्षी, अच्छी लगती है बारिश की बुंदे , मीठे ख्वाब की वो नींदें और तुम, अच्छा लगता है यहां आना और तुमसे बतियाना, हाल ए दिल तुम्हे सुनाना, बेझिझक कुछ भी तुम से कह जाना,और तुम जब मेरी बाते जब सुनती हो ,और तुम कभी ना शिकायत करती हो, और तुमने सदा ही अहसास कराया, नही अकेली तन्हा , जब से दोस्त तुम्हे बनाया, और तुम रहती हो सदा मेरे साथ, जब चाहे कर सकती हूं तुमसे बात ,, और तुम कभी नही करती इनकार,खामोशी से मुझे तुम सुनती हो, और तुम किसी न कहती हो,और तुम कभी नही करती एतराज, सदा अपने तक रखती हो मेरे राज, और तुम जो दोस्त सच्ची और तुम हो बड़ी ही खास
काव्यांक्षी और तुम ख्याल रखना , अब चलती हुं , और तुम इंतजार करना जल्दी ही मिलने आऊंगी,और तुम सुनो ना Love youuuuuuuuu yrrrrr💟💟💟💟💟💟💟
काव्या ❤️