ब्लेड क्यों बने? टूटे हुए दिल वाले प्रेमियों के लिए जिससे वो नस काट सकें.
नहीं.
ब्लेड बने शेव करने के लिए. शेव तो उस्तरे से भी होता था मगर जब मार्केट में रेजर आया तो उसे सेफ्टी रेजर कहा गया. क्योकि इससे एक तो कटने का चांस कम हो गया. दूसरा खून से फैलने वाली बीमारियां जैसे HIV कंट्रोल हो सकें. अब अगर किसी संक्रमित आदमी पर चला उस्तरा आप पर चल गया और दोनों के खूब मिक्स हो गए, तो आप फंस सकते हैं.
सेफ्टी रेजर के साथ आया सेफ्टी ब्लेड. विल्किंसन की धार. याद है? याद है तो ये भी याद होगा कि ब्लेड में बीच में डिज़ाइन होती है. यानी ब्लेड बीच से कटा होता है.
मालूम है ये डिज़ाइन क्यों होती है?
आप कहोगे ताकि हम ब्लेड को बीच से तोड़कर उससे पेंसिल छील सकें.
दिल के खुश रखने को ग़ालिब ये खयाल अच्छा है. लेकिन ब्लेड के बीच में छेद इसलिए नहीं होता कि आप उसे बीच से तोड़ सकें.
बल्कि इसलिए होता है क्योंकि जिलेट के फैंसी रेजर के पहले भी रेजर बनते थे. वो प्राचीन थे. उनमें ब्लेड लगाने के लिए उनका ढक्कन खोलकर ब्लेड फंसाना पड़ता था. या द्याखौ:
तो अब इस खुशफहमी से बाहर आ जाओ कि तुम ब्लेड तोड़ सको इसलिए ब्लेड में छेद होते हैं.