नई दिल्लीः होली के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्राओं पर सीमेन (वीर्य) से भरा गुब्बारा फेंकने के मामले में नया मोड़ आ गया है. इसकी जांच करने वाली फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी का कहना है कि जांच में इस तरह का कोई पदार्थ नहीं मिला है. गौरतलब है कि छात्राओं की शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करने के बाद सैंपल को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा था.
28 फरवरी को डीयू की दो छात्राओं ने आरोप लगाया था कि अज्ञात लोगों ने उसके ऊपर वीर्य से भरा गुब्बारा फेंका. इन छात्राओं ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट लिख इस मामले का खुलासा किया था. घटना सामने आने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लड़कियों के कपड़ों और कथित कैमिकल के सैंपल लैब में जांच के लिए भेजे थे. अब पुलिस को जांच रिपोर्ट मिली है जिससे साफ हुआ है कि कपड़ों पर मिले दाग या निशान वीर्य के नही हैं.
डीयू छात्रा ने कहा था कि मैं उस वक्त बस में सवार थी जब बाहर से कुछ लोगों ने मेरे ऊपर गुब्बारा फेंका. छात्रा का कहना था कि मैं इससे शर्मिंदा नहीं हुई हूं लेकिन ये घृणित है. मानवता को निचले स्तर तक ले जाते देखना भयावह है. एक अजनबी के रूप में अगर आप मुझपर सीमैन जैसी किसी चीज को फेंकते हैं तो यह अस्वीकार्य है और मेरे आत्मसम्मान के भी खिलाफ है.
छात्रा ने 24 फरवरी को अपने साथ घटी इस घटना के बारे में अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर किया था. छात्रा ने लिखा कि कुछ लोगों ने उस पर ‘बुरा न मानो होली है’ कहते हुए सीमन भरे गुब्बारे फेंके. पोस्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, वो नगालैंड के दीमापुर की रहने वाली है और जीसस एंड मैरी कॉलेज से मनोवि ज्ञान की पढ़ाई कर रही है. इस घटना के विरोध में जीसस एंड मैरी कॉलेज के छात्र और टीचर्स ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया था.