नई दिल्लीः एयर इंडिया की विनिवेश योजना के लिए सरकार ने प्रारंभिक सूचना ज्ञापन जारी किया है और सरकारी विमानन कंपनी के 76 प्रतिशत हिस्से की बिक्री करने का प्रस्ताव रखा है।
सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश में प्रस्तावों का प्रस्ताव दिया है
* 'एयर इंडिया' ब्रांड कुछ वर्षों के लिए बनाए रखा जाना चाहिए।
* नए बोली लगाने वालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल भारतीय नागरिकों का नियंत्रण एयर इंडिया पर होगा
* केवल 5,000 करोड़ रुपए की न्यूनतम नेटवर्थ वाली कंपनियां एयर इंडिया के लिए बोली लगा सकती हैं
घाटे को कम करने के लिए किया जा रहा विनिवेश
बता दें, सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया लगभग शुरू हो चुकी है। एयर इंडिया का विनिवेश 4 भागों में बांट कर किया जाएगा। एयरलाइंस को AI-AI एक्सप्रेस AI SATS, ग्राउंड हैंडलिंग यूनिट, इंजिनियरिंग यूनिट और अलायंस एयर में बांटा जाएगा और इन्हें बेचने के लिए अलग-अलग ऑफर किया जाएगा। चार विभागों की बिक्री से जो पैसा आएगा उससे सरकार एयर इंडिया के 70 हजार करोड़ रुपए के लोन को पूरा करने की कोशिश करेगी।
कैसे होगी एयर इंडिया की बिक्री
पहले चरण में मूल एयर इंडिया के साथ इसके पूर्ण स्वामित्व वाली एयर इंडिया चार्टर और किफायती सर्विस कैरियर एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी इकाइयों को बिक्री के लिए पेश किया जाएगा। जबकि बाद के चरणों में एयर इंडिया ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, होटल कॉरपोरेशन तथा एयर इंडिया एलाइड सर्विसेज का नंबर आएगा। प्रत्येक के लिए अलग से एक्सप्रेशन आफ इंट्रेस्ट बिड आमंत्रित की जाएंगी। इस विधि से सरकार को बेहतर रकम प्राप्त होने की संभावना है। विमानन क्षेत्र से जुड़े वित्तीय सलाहकारों के अनुसार सरकार को एयर इंडिया के विनिवेश से 70 हजार करोड़ रुपये तक की रकम प्राप्त हो सकती है। एयर इंडिया पर 50 हजार करोड़ रुपए के भारी कर्ज को देखते हुए इस रकम को कम नहीं माना जा रहा।
credit - पंजाब केशरी