पर्यावनण दिवस 5 जून के अवसर पर...<p style="margin-top: 6px; margin-bottom: 6px; font-family: helvetica, arial
इस किताब में, मैंने स्वयं रचित कुछ शे'र-ओ-शा'इरी को जगह दी है, ये तो मैं कह नहीं सकता कि बेहतरीन है क्योंकि ये फैसला तो पाठक गण को करना है, मैंने मेरी तरफ से कोई कोर-ओ-क़सर नहीं छोड़ी। अपने अनूठे अनुभव से मुझे प्रेरित करें ताकि और अच्छा लिख सकूं।