दिल की बात है दिल ही जानता है
दिल भला कब किसी की मानता है
ना जोर चले इस पर ये जमाना भी जानता है
फिर भी जमाना भी कहा मानता है
दे कर सौ दुहाईया
कर बाता है दिलो की जुदाईया
फिर में दिल में है जो शक्स
वो दिल से कहा जाता है
हर एक की है यही कहानी
पर पुछे कोई तो बस मुस्कुराता है
दिल की बात है दिल ही जानता है
- सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)