लोकतंत्र की लाचारी है
दुखी ये जनता सारी है
कोराना की पीर में
जारी कालाबाजारी है
क्या नेता क्या अभिनेता
सबकी सर्कस जारी है
लूट गई जनता
मर गई जनता
लोकतंत्र हम आभारी है
कईयो के अपने छूटे
कईयो के सपने टूटे
कईयो की रोजी छूटे
देश में महामारी
उस पर नेताओ की रैली भारी
क्या दिल्ली क्या कलकत्ता
सत्ता की लालच भारी है
लोकतंत्र हम आभारी है
सुशील मिश्रा( क्षितिज राज )