दो कदम बस साथ चल लेते
दो पल ठहर, कुछ बात कर लेते
जाने से कब रोका था हमने
मिलोगे कब, बस यही पूंछा था हमने
सुबह-शाम बस हाल ले लेते
दो कदम बस साथ चल लेते
रास्ते जीवन के कुछ ओझल हुए
तेज आंधी में, दिये कुछ डगमग हुए
पीछे मुड़कर जब देखा हमने तुमको
नजरों ने खोजा, दिखे ही नही मुझको
ख्वाब में ही सही, बस हाल ले लेते
दो कदम बस साथ चल लेते