ज़रूरी नहीं कि जो दिखता है वो वही होता है, थोड़ा बहुत परख लेना किसी को सही होता है. हर कोई वो करता है,जो भी आप देखना चाहे, होता आप के साथ है,ध्यान और कहीं होता है. थोड़ा बहुत परख लेना किसी को सही होता है. सब के अपने ही तरीके हैं,संस्कार तो फीकें हैं, दिखावा करते है