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दूरस्थ शिक्षा

22 अक्टूबर 2022

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दूरस्थ शिक्षा से आशय शिक्षा ग्रहण करने की ऐसी प्रणाली से है जिसमें शिक्षक और विद्यार्थी को स्थान.विशेष अथवा समय.विशेष पर उपलब्ध होने की आवश्यकता नहीं होती है। यह प्रणाली परम्परागत शिक्षण  प्रणाली से भिन्न है। परम्परागत शिक्षण प्रणाली में जहां शिक्षक प्रत्यक्ष रूप से विद्यार्थी के सम्मुख होता है और पाठ्यक्रम का पूर्ण ज्ञान कराने के साथ ही उसकी जिज्ञासाओं का भी समाधान करता है, वहीं दूसरी ओर दूरस्थ शिक्षा प्रणाली आज कई भिन्न-भिन्न रूपों में प्रचलित है। जिसमें सबसे प्रचलित स्वरूप पत्राचार प्रणाली है।  इस शिक्षण प्रणाली में विद्यालय या विश्वविद्यालयीन संस्था द्वारा  मुद्रित पाठ्य सामग्री समय-समय पर विद्यार्थियों को प्रेषित कर दी जाती है, जिसे विद्यार्थी सामग्री में निहित निर्देशों के अनुसार स्वयं पढ़ते हैं और निर्धारित समय में परीक्षा देते हैं। आज का युग सूचना क्रांति और इंटरनेट का युग है, जिस कारण पाठ्य सामग्री विद्यार्थियों को शीघ्र उपलब्ध करा दी जाती है। लेकिन इस मुद्रित पाठ्य सामग्री में कई समस्याएं आती हैं, जिस कारण आज इसके स्थान पर अमुद्रित साधनों का प्रयोग तीव्र गति से बढ़ रहा है। इसलिए आज इस क्षेत्र में इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों के माध्यम से शिक्षा का प्रयोग तीव्र गति से होने लगा है। जिसमें रेडियो, टी.वी., फैक्स, टेलीपाइन, कम्प्यूटर, इंटरनेट का प्रयाग मुख्य हैं। इंटरनेट के माध्यम से तो आज पलक झपकते ही विद्यार्थी अपनी समस्या का समाधान पा लेता है। इसके लिए आज कई साधन उपलब्ध हैं।   

आज का युग संचार प्रौद्योगिकी के अति प्रगति के कारण उन्नत अवस्था में है, जिसमें एक देश ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व ही एक जगह आकर सिमट गया है। अब सूचना के उन्नत उपकरणों के कारण दूरी के कोई मायने नहीं रह गए हैं। भारत में बैठा कोई भी विद्यार्थी विश्व के किसी भी दूरस्थ विश्वविद्यालय से आॅनलाईन शिक्षा तथा उपाधि प्राप्त कर सकता है। 


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रचनाएँ
विविध विषय लेखन (दैनन्दिनी, अक्टूबर 2022)
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इस पुस्तक में शब्द.इन द्वारा दिए गए विविध विषयोँ में किया गया लेखन संगृहीत है।
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कला चिकित्सा और इसके लाभ

3 अक्टूबर 2022
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मानव शरीर को यदि मैं अनेक रोगों का पिटारा कहूं तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि मानव शरीर जीवन भर स्वस्थ नहीं रह पाता, उसे समय-समय पर कई शारीरिक रोग घेर ही लेते हैं।  इसके अलावा वह अपनी जीवन की आप

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दैनिक जीवन की सामान्य गलतियाँ

4 अक्टूबर 2022
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यूँ ही इंसान को गलतियों का पुतला नहीं कहा गया है। जीवन संघर्ष के दौरान व्यक्ति जब कोई कार्य करता है तो उसमें गलती न हो, ऐसा संभव नहीं है। अज्ञानता बस जाने-अनजाने  में वह कई गलतियां करता रहता है। लेकिन

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कर्म और भाग्य

6 अक्टूबर 2022
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जीवन गति बड़ी निराली है, इसे मापने का कोई निश्चित पैमाना नहीं है। संसार में कर्म और भाग्य के बारे में कोई एक धारणा नहीं है। भाग्य और कर्म दोनों के लिए अलग-अलग धारणाएँ पुरातन काल से ही प्रचलित हैं, जिसम

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जीवन में सबसे ज्यादा पछतावे वाली घटना

7 अक्टूबर 2022
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कभी स्कूल में जब पहली बार भूगोल की किताब पढ़कर ये बात पता चली कि पृथ्वी गोल है, तो कई दिन तक अपने आस-पास और चारों ओर घूम-घूम कर पता लगाने की कोशिश करती कि आखिर यह पृथ्वी कैसे गोल होगी, क्योँकि मुझे तो

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आधुनिक जीवन शैली

9 अक्टूबर 2022
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आज के दैनिक लेखन 'आधुनिक जीवन शैली' के विषय पर अपने विचार व्यक्त करने से पहले हमें हमारी भारतीय पुरातन जीवन शैली के बारे में कुछ बातें समझनी आवश्यक होंगी। तुलसीदास जी 'रामचरित मानस' के एक प्रसंग में क

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लैंगिक सशक्तिकरण

11 अक्टूबर 2022
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सदियों से चली आ रही लैंगिक असमानता एक परम्परा की तरह आज भी हमारे समाज में सहजता से देखने को मिल जाती है।  आज भी सामान्य समाज में जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो घर-परिवार वाले उसकी ख़ुशी में जो कार्यक

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पारिवारिक जीवन

12 अक्टूबर 2022
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कहने को तो परिवार एक छोटा सा शब्द है, लेकिन यही वह जगह होती है, जिसके इर्द-गिर्द मनुष्य का सम्पूर्ण जीवन चक्र घूमता है। परिवार के बारे में जब हम  विचार करते हैं तो हमें ज्ञात होता है कि परिवार मर्यादा

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करवाचौथ का व्रत

13 अक्टूबर 2022
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हमारी भारतीय संस्कृति में विभिन्न धर्म, जाति, रीति, पद्धति, बोली, पहनावा, रहन-सहन के लोगों द्वारा अपने-अपने उत्सव, पर्व, त्यौहार वर्ष भर बड़े धूमधाम से मनाये जाने की सुदीर्घ परम्परा है। ये उत्सव, त्यौ

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डिजिटल निरक्षरता

14 अक्टूबर 2022
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आज का युग डिजिटल का युग है। जिस तरह से आज घर से लेकर दफ्तर तक सब कार्योँ का डिजिटलीकरण का प्रसार हुआ है, उस तरह से डिजिटल साक्षरता का अभाव होने से आम नागरिकों को कई तरह की धोखाधड़ियोँ का शिकार होना पड़

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मेरा पहला कार्य दिवस

17 अक्टूबर 2022
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मध्यप्रदेश के शिक्षा विभाग के अधीन हाई स्कूल स्तर तक की शिक्षा व्यवस्था संचालित करने वाले विभाग राज्य शिक्षा केंद्र में ७ फरवरी १९९५ को मेरा पहला कार्य दिवस था। मुझे पहले दिन कार्यालय में मेरे बड़े भैय

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सकारात्मक और नकारात्मक सोच

20 अक्टूबर 2022
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किसी भी व्यक्ति की जीवन में घटित होने वाले घटनाक्रम या कार्य विशेष के प्रति उसकी सोच और विचार करने का दृटिकोण हमें उसके सकारात्मक या नकारात्मक होने का परिचय कराते हैं। हमारा सोच-विचार यदि सकारात्मक हो

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हम और हमारे त्यौहार

21 अक्टूबर 2022
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हमारी भारतीय संस्कृति उत्सवधर्मी है, जहाँ वर्ष भर तन-मन की थकान दूर करने के उद्देश्य से हमारे धार्मिक ग्रंथों में तीज-त्योहारों का उल्लेख कर उन्हें समय-समय पर मनाये जाने का वर्णन किया गया है। इन त्योह

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दूरस्थ शिक्षा

22 अक्टूबर 2022
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आरोग्य का पर्व है दीपावली

24 अक्टूबर 2022
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दीपावली जन-मन की प्रसन्नता, हर्षोल्लास एवं श्री-सम्पन्नता की कामना के महापर्व के रूप में मनाया जाता है। कार्तिक की अमावस्या की काली रात्रि को जब घर-घर दीपकों की पंक्ति जल उठती है तो वह पूर्णिमा से

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सोशल मीडिया और समाज का धुर्वीकरण

27 अक्टूबर 2022
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सूचना क्रांति के आधुनिक युग में सोशल मीडिया के सन्दर्भ में कई सवाल उठते हैं। आज सोशल मीडिया ने आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र ही नहीं बल्कि हमारे घर-घर तक अपनी पैठ बना ली है। इंटरनेट

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