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कला चिकित्सा और इसके लाभ

3 अक्टूबर 2022

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मानव शरीर को यदि मैं अनेक रोगों का पिटारा कहूं तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि मानव शरीर जीवन भर स्वस्थ नहीं रह पाता, उसे समय-समय पर कई शारीरिक रोग घेर ही लेते हैं।  इसके अलावा वह अपनी जीवन की आपा-धापी में झूलते-झालते, जाने-अनजाने कई मानसिक रोगों को भी स्वयं गले लगा लेता हैं, जो मानसिक रोगों की क्ष्रेणी में आते हैं।  जहाँ तक शारीरिक रोगों से मुक्ति दिलाने की की बात है, तो इसमें आधुनिक चिकित्सा पद्धति ऐलोपैथिक व्यापक पैमाने पर कारगर सिद्ध है। इसमें हमारी प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति भी बहुत हद तक सफल है। शारीरिक रोगों से निजात दिनाले के लिए भले ही आधुनिक ऐलोपैथिक चिकित्सा और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति सक्षम हैं, लेकिन इनकी आज  मानसिक रोगों के लिए कोई सार्वभौमिक निश्चित चिकित्सा पद्धति नहीं है। इसलिए इन मानसिक रोगों से निजात दिलाने के लिए आज दुनिया भर में कई वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियाँ अपनाई जा रही हैं, जैसे- आहार, उपवास, ऊर्जा, एक्युप्रेशर, एपी थेरेपी, एलेक्ज़ेंडर, जल तंत्रिका, ध्यान, ध्वनि, निर्देशित कल्पना,परावर्ती विज्ञान, मनो, मनोकायिक, मालिश, योग, रस, रेकी, विष मुक्तिकरण, शाकाहार, सम्मोहन, सुई, सुगंध, स्पर्श आदि। इनमें से अधिकांश चिकित्सा पद्धतियां कला चिकित्सा के अंतर्गत आती हैं।     

कला चिकित्सक रोगी के मनोविज्ञान और उसके मन के व्यवहार और उसकी शारीरिक प्रक्रियाओं और विकास का ज्ञाता होता है।  वह अपने रोगियों (पेंटिंग, ड्राइंग, नाटकीय कला, फोटोग्राफी, मूर्तिकला, आदि) के साथ काम करने के लिए विभिन्न साधनों और तकनीकों का उपयोग करता है।. मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़े विकृति के उपचार के लिए कला एक बहुत प्रभावी चिकित्सीय उपकरण है। कला चिकित्सा में रोगी को उसकी अभिरुचि के अनुरूप कलाकृति निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।  इसमें उपचार करने वाला उसे उसकी आंतरिक विचारों और भावनाओं के प्रदर्शन के लिए पेंट, कागज और कलम, मिट्टी, रेत, या किसी कपड़े का उपयोग करने को कहता है और उसी के आधार पर उसकी अभिरुचि की पहचान कर उसे प्रोत्साहित कर उसे जीवन की मुख्य धारा से जोड़ता है।  कला चिकित्सा से रोगी को अनेक लाभ होते हैं। इससे उसे संज्ञानात्मक और आत्म-सम्मान, आत्म जागरूकता, भावनात्मक नियंत्रण में बल मिलता है, जिससे उसे उसके तनाव व संघर्षों को सुलझाने एवं संकट को कम करने में सहायता मिलती है। इससे उसे मनोवैज्ञानिक और सामजिक रूप से एक नया अनुशासन मिलता है और वह कुछ स्वस्थ आदतों को ग्रहण करने  में सक्षम होता है।  

कला चिकित्सा में रोगी का प्रतिभा संपन्न  होना आवश्यक नहीं है, क्योंकि इसमें चिकित्सा का उद्देश्य रोगी की भलाई और उसके जीवन में गुणवत्तापूर्ण सुधार हुए उसे जीवन की मुख्य धारा से जोड़ना होता है।. मानसिक विकारों से ग्रस्त  कैदियों के पुनर्वास के लिए, युवा लोगों को शिक्षित करने, स्वस्थ लोगों की भलाई में सुधार करने के लिए भी कला चिकित्सा का उपयोगी है। इसके अलावा युद्ध के संघर्ष, यौन दुर्व्यवहार या प्राकृतिक आपदाओं के परिणामस्वरूप पीड़ित व्यक्तियों के साथ इसका उपयोग किया जाता है।  कैंसर जैसी शारीरिक बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के साथ; ऑटिज्म, मनोभ्रंश या अल्जाइमर, अवसाद और मनोवैज्ञानिक प्रकृति के अन्य विकारों से पीड़ित व्यक्तियों के उपचार में भी कला चिकित्सा बड़ी कारगर सिद्ध होती है।  कला चिकित्सा में रोगी को अभिव्यक्ति का उपयोग कर उसे विकसित कर उन विचारों और भावनाओं को जिन्हें छोड़ना अधिक कठिन होता है, उन्हें सरल बनाने की कला सिखाई जाती है। उसे   रचनात्मक तरीके से भावनाओं और भावनाओं पर नियंत्रण करने के तौर-तरीकों की कला, एकाग्रता, ध्यान लगाने के साथ ही आत्मसम्मान, आत्मविश्वास, सुरक्षा की भावना जाग्रत की जाती है।  

Lucky Gupta

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Jdidndgc,tgxyy ok byy ma ne aaya hai bs aasa ram ram ram ram ka matalab

15 नवम्बर 2022

Lucky Gupta

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15 नवम्बर 2022

Dr. Pradeep Tripathi

Dr. Pradeep Tripathi

बहुत ज्ञानवर्धक लेख।

5 अक्टूबर 2022

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रचनाएँ
विविध विषय लेखन (दैनन्दिनी, अक्टूबर 2022)
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इस पुस्तक में शब्द.इन द्वारा दिए गए विविध विषयोँ में किया गया लेखन संगृहीत है।
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कला चिकित्सा और इसके लाभ

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