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पहली बार गरीब खुश

26 नवम्बर 2016
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कतारें थककर भी खामोश हैं,नजारे बोल रहे हैं।नदी बहकर भी चुप है मगर किनारे बोल रहे हैं।ये कैसा जलजला आया है दुनियाँ में इन दिनों,झोंपडी मेरी खडी है और महल उनके डोल रहे हैं।।परिंदों को तो रोज कहीं से गिरे हुए दाने जुटाने थे। पर वे क्यों परेशान हैं जिनके घरों में भरे हुए तहखाने थे।हमें तो आधे पेट सोने क

पैसा ही सब कुछ नही होता है

10 नवम्बर 2016
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रात के 8 बजे थे. टीवी पर मोदी जी का राष्ट्र के नाम संबोधन चल रहा था. बात हो रही थी, 500और 1000 के पुराने नोटों का चलन बंद होने की,उसके बाद विभिन्न चैनलों पर मोदी जी की खूब तारीफ़ की जा रही थी. लोग इसे काले धन और भ्रष्टाचार के लिए सर्जिकल स्ट्राइक का नाम दे रहे थे.दूसरे दिन टीवी पर किसी को खाने को भ

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