चाँद ने दे दी है अब इजाज़त
सबको सबका चाँद मुबारक
माथे पे बिंदी होंठों की लाली
चूड़ियाँ बुलाएँ, चाँद मुबारक
देहरी के भीतर झाँकती आँखें
आएँ तो कहेंगी, चाँद मुबारक
दिल के कोने से निकली आह
है निकला चाँद, चाँद मुबारक
प्रेम की छननी से निहारूँ तुझे
तो चाँद भी कहे चाँद मुबारक
तेरे हाथों से पानी का घूँट पिऊँ
व्रत खोलूँ तो कहूँ चाँद मुबारक