"गुप्त प्रेमी" यह एक अव्यक्त प्रेम कथा है। विजय अपनी कॉलेज सहेली से प्यार करता था। उसके साथ पार्क में घूमता था और चुपचुपके उसके गाल काटता था। लेकिन उसके परिवार वालों को इस बात पता चला और वो उसकी शादी करवाके पति के घर भेज दिए। लेकिन विजय यहाँ नहीं रुकता है। वह उसके गांव जाता है, उसके घर को ढूंढता है और उसके घर के सामने एक किराए के मकान में रहता है। बाद में उसके साथ अवैध संबंद बनाता है। जो पहले उसके गाल काटने को डरता था, अब उसके साड़ी को खींचने तक आगे बढ़ता है। इसी तरह उनका अवैध संबंध गुप्त प्रेम के साये में जारी रहता है।