- शीर्षक --माँ के भक्तों
- बिन मांगे भरती है तु झोली माँ,
- कोई न जाता है तेरे दर से खाली माँ,
- सदा तेरी दया यूँ ही बरसती रहे माँ,
- ऐसे ही अपनों भक्तों की टोली पर माँ।
राहों के पत्थर को फूल बना देती है,
मंझधार में अटकी नैया को पार लगाती है,
हर मुश्किल में राह दिखाती है,
सबके सपने पूरी करती है।
हर गम तकलीफ से तु बचाती है माँ,
हम नादान हैं तेरे बच्चे माँ,
सदा तुम यूँ ही अपनी दया,
दया बरसाते रहना माँ।
इंतजार की देखो घड़ियां खत्म हुई,
देखो अपने द्वार शेरों वाली माँ आई,
अब तो सबकी मुरादें पूरी होगी,
खुशियों की झोली भरेगी,
नवरात्री का त्यौहार जो साथ लाई है,
शेर पर सवार शेरों वाली माँ जो आई है।
नवरात्री की हार्दिक शुभकामनायें।
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