shabd-logo

अंधविश्वास

18 सितम्बर 2022

35 बार देखा गया 35
शीर्षक--ये अंधविश्वास नही है

article-image

हमारे देश में विश्वास को भी लोग अंधविश्वास मानते है, और आधुनिकता और विज्ञान तो और भी उन्हें जहर की भांति हमारे समाज में फैला दिया है।

उन्हें क्या? पता उन अंधविश्वास में भी जिंदगी जीने के लिए अच्छाई छिपी होती है, पर आधुनिकता की इस होड़ ने सब उल्टा पुल्टा कर दिया है।

अब जैसे पहले के लोग पेड़ की पूजा करते थे जिससे हमें शुद्ध हवा मिलती थी पर विज्ञान और आधुनिकता ने कहा ये तो अंधविश्वास है पेड़ की पूजा करना तो दिखिए।
आज पेड़ की पूजा बंद करके मुँह को ढक कर जीने के लिए खुद भी मजबूर हैं और हमारी पीढ़ी भी।
अब जैसे हमारे दादी नानी के ज़माने में अगर घर से बाहर जाना होता था तो  दही चीनी खा कर ही जाना होता था।

इसमें भी हमारी भलाई छिपी होती थी,पर आधुनिकता की होड़ में इसे भी अंधविश्वास कहा जाता है।
अब आधुनिकता को कैसे समझा या जाय की ये अंधविश्वास नही है।
दही चीनी इस लिए खिलाया जाता था की गर्मी के मौसम में अगर घर से बाहर जाएँ तो हमें प्यास न लगे क्योंकि पहले कोल्ड्रिंक्स का जमाना नही था तो गर्मी में हमारे पेट को शीतलता कैसे मिलता।

हमें प्यास न लगे हमारी तबियत न खराब हो पर आधुनिकता के इस दौड़ में इसे अंधविश्वास कहा जाता है कैसे उनको समझाया जाय आप ही बताओ।

अब जैसे इसे भी आधुनिकता और विज्ञान अंधविश्वास मानती है पहले लोग घर के आगे नीबूँ मिर्ची लटकाते थे और लोग समझते थे ये अंधविश्वास है।
पर उन्हें कैसे समझाये की ये अंधविश्वास नही है ये नजर लगने से भी नही रोकती है इसका कुछ और कारण है। नीबूँ मिर्ची में कुछ ऐसे तत्त्व पाये जाते हैं जिससे हमारे घर में कीड़े मोकोड़े घर में प्रवेश नही करें क्यों की उस वक्त गुडनाइट और ऑलआउट का जमाना नही था तो वो घर के सामने नीबूँ मिर्ची लटका कर रखते थे पर आधुनिकता और विज्ञान ने इसे अंधविश्वास कह कर उसे फैला दिया और उसे ही लोग सच मनाने लगे क्यों की जो दिखता है।

उसे ही सच मना जाता है न जबकि अगर हमें उसके सच के बारे में पता होगा तो हम उसे अंधविश्वास नही समझेंगे न।
और बहुत कुछ है पर इतना ही फिर कभी आज इतना ही सही जिंदगी है तो लिखना भी है बढ़ना भी है पढ़ना भी है।सही बात है न जिंदगी जीने के लिए।

अंधविश्वास फैलाने की वजह हमारी सोच भी है।
अंधविश्वास केवल अनपढ़ की देन नही है।
पढ़े लिखे की भी देन है।
जिसे हम जानते और मानते हैं बस बोलते नही हैं।


32
रचनाएँ
अनकही बातें मेरी
0.0
ये किताब इसमें कुछ कही और अनकही बातें जो दिल में रहती है पर कहना कितना मुश्किल होता है न तो बातें कुछ अनकही को क्यों न शब्दों में पिरो कर उन्हें कह दें तो कितना अच्छा लगता है न और वही कविता और शयरी में अगर शब्द ढल जाते हैं तो दिल की अनकही बातें कितना खूबसूरत सा लगता है। पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में सम्मलित है ये। 🌹❤💐🙏❤
1

भाग --पहला

11 मई 2022
2
0
2

शीर्षक--छलकते मोतीआँखों से छलकते मोती प्यार से, बहे तो मोती नजर आता है।दर्द में आँखों से छलकते मोती बहे तो,आँसू नजर आते हैं। निकलते तो आँखों से छलक मोती,बस देखने में फर्क होता है। किसी

2

भाग --दूसरा

12 मई 2022
0
0
0

शीर्षक --तेरे दिल कोछोड़ भी नही सकता हूँ,मरोड़ भी नही सकता हूँ,दिल में आने के बाद तोड़ भी नही सकता हूँ।रास्ते ही भूल जाते हैं,आकर तेरे दिल में अब, क्या करुँ न तुझे छोड़,कर जी सकता हूँ न।त

3

भाग -तीसरा

13 मई 2022
0
0
0

शीर्षक ---शामशाम सुहानी हो जाए,दुनिया दीवानी हो जाए, फिर से मौसम की मेहरबानी, हो जाए,शाम सुहानी हो जाए।फिर से दोस्तों,की वही पुरानी दोस्ती हो,और चाय सस्ती हो,और बातों की मस्ती हो,

4

भाग --चार

17 मई 2022
0
0
0

शीर्षक --गलियांमोहब्बत की गलियों से,जब भी किसी को गुजरते देखता हूँ,तो अपनी मोहब्बत की पुरानी,वही गलियां याद आ जाती है।दिल मचल सा जाता है।मोहब्बत की गलियों में गुजरने के लिए,और तेरी याद चुपके से,मुझे

5

भाग --पांच

23 मई 2022
2
1
2

शीर्षक --प्यारे शहर छोड़ कर अपने प्यारे शहर को,छोड़ कर अपने न्यारे शहर को।यूँ ही तन्हा जी रहे हैं,अब तो अपनों से भी दूर रह कर,यूँ ही जिंदगी जी रहे हैं।दूसरे शहर में दर बदर,की जिंदगी जी रहे हैं।कुछ

6

भाग --छठा

27 मई 2022
0
0
0

शीर्षक--दर्दे दिलकिस से कहें अपने दिल की बात,कोई तो हमदर्द मिला होता।हर कोई हमें अपने दर्दे दिल की,बात सुनाकर खुश हो जाता है।मेरे दर्दे दिल की बात तो कोई सुना,ही नही आखिर किस को सुनाते।अपने दर्दे

7

भाग --सातवां

28 मई 2022
0
0
0

शीर्षक ---फासालाफासला बढ़ता ही गया जिंदगी में,फिर भी हौसला कम नही हुआ।जिंदगी में फिर क्या?फासला खुद ब खुद घटता गया,और हौसला बढ़ता गया जिंदगी, में और हमने जिंदगी में फासाला,को बढ़ने नही दिया अ

8

भाग --आठवां

12 जून 2022
0
0
0

शीर्षक --दो पलदो पल की जिंदगी है यारों,इतनी भी नाराजगी क्यों है यारों,आओ फिर से बात करते हैं,इतनी बेगानगी किसलिए है यारों। चलो तुम फिर से मुस्कुरा तो दो,

9

भाग --नवम्

5 जुलाई 2022
1
0
0

शीर्षक--सपने सपने के रोशनदान से,हर बार मेरे सपने मेरे अपने,को ही देखा है।इसके सिवा तो नजरों को,कोई और नही भाता है।मेरे सपने और मेरे अपने ही,बस दो नजर आते हैं।ऑंखें बंद होती है तो मेरे सपने,और ऑंख

10

भाग --दस

7 जुलाई 2022
0
0
0

शीर्षक--दया की मूरत दया की मूरत है,प्यार की सूरत है,वो होती है,बहुत ही खूबसूरत है।वो कोई और नही,मेरी प्यारी माँ ही तो,होती है न।जो दया की मूरत होती है,जिनके दिल में बस अपने,बच्चों के लिए दुआ होती

11

भाग ---ग्यारह

10 जुलाई 2022
0
0
0

शीर्षक ---"जिंदगी के सबक "जिंदगी के अनुभव से मिले सबक से ही कुछ सीखने की कोशिश करना ही तो जिंदगी कहलाती है।इसमें उलझने की जरुरत नही होती है।सबक से सीख कर तो अपने सपनों को फैलाने की कोशिश करना है।

12

भाग ----बारह

12 जुलाई 2022
0
0
0

शीर्षक---मुलाकातकहाँ पता था वो आखरी मुलाक़ात होगी,दिल की बातें यूँ ही दिल में कैद रह जाएगी।तुझे याद करके दिल बड़ा ही तड़पता है,वो आखिरी मुलाक़ात को याद करके,दिल आज भी खो जाता है तेरी वो,आखिरी मुलाक़ात की य

13

भाग ---तेरह

23 जुलाई 2022
0
0
0

शीर्षक--लम्हेंवो लम्हें जिंदगी के तितलियोंसे कम नही लगते हैं।जितना याद करोगे उतना ही,याद आता है। तितलियों के तरह,जितना पकड़ोगे उतना ही उडाता,जाता है खुद के संग।वो लम्हें भी कभी यादें बनकर,कभी ख्व

14

भाग --चौदह

23 जुलाई 2022
0
0
0

शीर्षक --एक रात एक रात ऐसी भी आती है,जहाँ लड़की अपनी ही घर,से सबसे पराई हो जाती है।दुल्हन बनकर हाथों में,मेहंदी लगा कर,सपनों के राजकुमार,के संग संग फुर से,उड़ जाती है मोटर कार में।एक

15

भाग --पंद्रह

23 जुलाई 2022
0
0
0

शीर्षक --बिन तेरे न तूने सजा दिया,बस तूने प्यार किया,ऐसा क्या गुनाह था,जो तेरे बिन जिया।बोलो न।बिन तेरे अकेले जीते जीते,जिंदगी थक सा गया हूँ।खुद से कितनी बातें करूँ,बिन तेरे।किस से हाले दिल,बताऊँ

16

अनमोल गहना

6 अगस्त 2022
1
1
0

शीर्षक --अनमोल गहना दोस्ती का अनमोल गहना है जिंदगी में दोस्ती,जो सबकी जिंदगी में आती है।ये वो खुशबू है जो जिंदगी को,खुद ब खुद महका जाती है।दोस्ती तो दोस्ती होती है,जो रब की दी हुई सबसे,खूबस

17

भाग -सोलह

14 अगस्त 2022
0
0
0

शीर्षक --हर घर तिरंगाकितनी प्यारी वो शाम होगी जब,हमें मिलनी वाली थी आजादी।🇮🇳ये सोच कर कर ही,ऑंखें न सोई होगी,दिल कितना धड़का होगा,जब सुबह आजादी की,खुशियों के नाम हुई होगी। 🇮🇳ये सोच के दिल गर्व से ऊ

18

तीज का त्यौहार

30 अगस्त 2022
4
1
1

शीर्षक --तीज का त्यौहारतीज का त्यौहार आया है,खुशियों का उपहार लाया है,सजना का संग साथ हो,जिंदगी में बस प्यार ही प्यार हो।माथे पर सदा बिंदिया चमकती रहे,हाथों में खनकती चूड़ियाँ रहे,पाँव में पायल

19

श्री गणेश चतुर्थी

31 अगस्त 2022
2
1
0

शीर्षक --जय श्री गणेशवक्रांतुड महायाय सूर्यर्कोटि संप्रभह निर्विघ्न कुरु मे देव सर्वकार्युष सर्वदा।।आज की खुशियां,बप्पा के नाम करें।चलो आज अच्छे,काम करें।लेकर बप्पा का नाम,खुशियों की सौगात बाँटे।

20

हिंदी दिवस

14 सितम्बर 2022
1
1
1

शीर्षक --हिंदी दिवसआओ चलो करो अभिनन्दन,सब मिलकर मन से,अपनी हिंदी भाषा का,मिलकर सब करें दिल से वंदन।भारत की शान है हिंदी,हमसब की पहचान है हिंदी,इसे न समझो एक भाषा,हिंदी भारत का अभिमान है।ये तो भा

21

पितृपक्ष

16 सितम्बर 2022
1
0
0

शीर्षक --पितृपक्ष पितृपक्ष का हमारे पूर्वजों के प्रति आभार व्यक्त करना ही नही हमारे स्वास्थ की दृष्टि से जरुरी है।हम अपने पूर्वजों को सच्चे मन से पिंडदान तर्पण और श्राद्ध करत

22

अंधविश्वास

18 सितम्बर 2022
4
0
0

शीर्षक--ये अंधविश्वास नही हैहमारे देश में विश्वास को भी लोग अंधविश्वास मानते है, और आधुनिकता और विज्ञान तो और भी उन्हें जहर की भांति हमारे समाज में फैला दिया है।उन्हें क्या? पता उन अंधविश्वास में भी ज

23

शक्ति और उपासना

26 सितम्बर 2022
1
0
0

शीर्षक --माँ के भक्तों बिन मांगे भरती है तु झोली माँ,कोई न जाता है तेरे दर से खाली माँ,सदा तेरी दया यूँ ही बरसती रहे माँ,ऐसे ही अपनों भक्तों की टोली पर माँ।राहों के पत्थर को फूल बना देती है,मंझधा

24

ऑनलाइन गेमिंग

30 सितम्बर 2022
3
2
2

शीर्षक-ऑनलाइन गेमिंगआजकल के फ़ैशन में हर किसी के जुबान पर वीडियो गेमिंग ऑनलाइन गेमिंग का नशा चढ़ा है।बच्चे बड़े बूढ़े जबान सब खोये रहते हैं वजह ये है की हम सब अबइंटरनेट और तकनीक वाले युग में जी रहे हैं।आज

25

करवाचौथ

13 अक्टूबर 2022
1
0
0

शीर्षक --करवाचौथआज सब बेकरार हैं, छाई है खुशियों की बहार,आज जमीं के चाँद को,आसमां के चाँद का इंतजार है,यही दुआ करूँ हरपल,जमीं के चाँद सदा सुहागन रहें जीवन भर।।करवाचौथ की ढेर सारी शुभकामनाएं🌙❤❤�

26

त्यौहार की अविस्मरणीय यादें

21 अक्टूबर 2022
3
0
0

त्योहारों की यादों के अविस्मरणीय दर्दपर ये दर्द भरी दास्तां आप सब भी पढ़ना न इश्क का दर्द हैं,,न जुदाई का दर्द है,लगता है साहब ये तो,दिवाली की सफाई,का दर्द है।जिसकी दास्तां हरदिवाली पर दोहरा

27

छठ पूजा :सूर्य की उपासना

30 अक्टूबर 2022
0
0
0

अगर देखना है तो चलो,बिहार सब मिलकर।ऐसी छटा बिखरी है,हर घर घर में।दूर दूर सब आयें हैं,अपने गावं घर में।अपनों के संग मिलजुलकर,लोक आस्था का महापर्व,मनाने।ऐसी छटा है बिखरी,घर आँगन में।आँखे भर आती है,खुशी

28

राष्ट्रीय एकता

31 अक्टूबर 2022
0
0
0

राष्ट्रीय एकता ही,देश की सफलता है।हर देश और मानव के लिए,इसकी आवश्यकता है।आपस में मत उलझो,न दो किसी को मौका,सब मिलकर सुलझा लो,खुद में ही।अगर लड़ोगे तो,फिर कैसे देश आगे बढेगा।एकता में शक्ति है,ये बात सबन

29

गुजरात मोरबी पुल हादसा

1 नवम्बर 2022
0
0
0

गुजरात मोरबी पुल हादसा एक बहुत ही दुःखद घटना है, जिसे सुनकर आँखे भर आई।लेकिन हमारे देश में जब भी कोई दुर्घटना होती है तो हर बार कटघरे में सरकार या प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है।आप जहाँ क

30

कार्तिक पूर्णिमा /गुरु नानक जयंती

7 नवम्बर 2022
0
0
0

शीर्षक -कार्तिक पूर्णिमा /गुरु नानक जयंतीहर साल कार्तिक पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती मनाया जाता है। इस दिन को सब प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाते हैं वो भी बहुत ही श्रद्धा और विश्वास के साथ।गुरु ना

31

आरक्षण

9 नवम्बर 2022
0
0
0

शीर्षक ---आरक्षण की बेड़ियाँ आरक्षण के नाम पर,आरक्षण के तलवार से,मत छीनो सबका,प्रतिभाओं का अधिकार।लड़ना छोड़ो जिंदगी में,पढ़ना सीखो जिंदगी में,बिना रुके जिंदगी में,बढ़ना सीखो हर घड़ी।जहाँ ज्ञान होगा,वह

32

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

11 नवम्बर 2022
2
0
0

,शीर्षक --शिक्षा का मोलशिक्षा का मोल होता है,अगर शिक्षा दिल से मिले तो,वो शिक्षा कहला जाती है,दुनिया में अनमोल है।शिक्षा तो हर कोई पाता है,मगर खुद से जीतता है,कोई कोई ही है।बड़ी बड़ी डिग्रियां पाकर भी,ल

---

किताब पढ़िए