शीर्षक- दंगा/झगड़ा/फसाद आदि “हाइकू मुक्तक” रोते झगड़े, विलखते झगड़े, किसके हाथ यह फसाद, बिगड़ते रिश्ते, किसके साथ दंगे दर्पण, समर समर्पण, अंधे तूफान काया सुंदर, नटखट मंजर, कौन अनाथ॥-1 झगड़े बोलें, अपने मुख खोलें, कहते सार मिले फसाद, हों घर बरबाद, जुड़ते तार आग लग