पंद्रह जून की वह अंधेरी रात, सुकून से सो रहा था हर हिन्दुस्तानी।क्योंकि सीमा पे चीनियों को, सबक सिखा रहे थेजांबाज़ हिन्दुस्तानी।वो थे चीनी हजारों में,केवल पैंतीस सैनिकों के साथ थासंतोष हिन्दुस्तानी ।संयम और धैर्य के साथ, गया समझाने चीनियों को थावह वीर हिन्दुस्तानी।धोख