एक बार चिमकी गिलहरी शहर में अपनी एक सहेली से मिलने जा पहुँची। उसकी सहेली शहर के एक पार्क में रहती थी,चिमकी भी उसी पार्क में उससे मिलने जा पहुँची। शाम का समय था , चिमकी पार्क के पेड़ों पर फुदक रही थी ,कभी इस डाल पर तो कभी उस डाल। तभी पार्क में एक लड़का तनुज यानी बेड बॉय आया और इधर उधर छोटे-छोटे कंकड़ फेंकने लगा। उन्हीं कंकड़ में से एक कंकड़ चिमकी गिलहरी को जा लगा और वो रोते-रोते एक पेड़ पर छिप गईं उसे बहुत जोर से चोट लगी थी और उसे तनुज से डर भी लग रहा था,वो सोचने लगी शहर के लोग कितने गन्दे होते हैं उनका जंगल कितना अच्छा होता हैं ।
तनुज को बेवजह पत्थर फेंकते हुए और गिलहरी को चोट लगते हुए रचित यानी गुड़ बॉय ने देख लिया था उसने बेड बॉय से कहा- " तुम इधर उधर कंकड़ क्यों फेंक रहे हो ,देखो तुम्हारा एक कंकड़ बेचारी गिलहरी को लग गया और उसे चोट लग गई हैं
बेड बॉय बोला-" तुम अपना काम करो ,मुझे कंकड़ फेंकने में मजा आता हैं
रचित यानी गुड़ बॉय बोला ." लेकिन अपनें मजे के लिए दूसरों को तंग करना बुरी बात हैं जो दूसरों को परेशान करते हैं उन्हें सब लोग बेड कहते हैं
बेड बॉय बोला-" मुझे माफ़ कर दो दोस्त आज के बाद में कभी भी अपनें मजे के लिए दूसरों को तंग नहीं करूंगा। मैं भी तुम्हारी तरह गुड़ बॉय बनूँगा
रचित बोला-" ठीक हैं चलो अब गिलहरी को कुछ खाने को देते हैं ताकि वो भी हमारी दोस्त बन जाए
फिर रचित और तनुज ने गिलहरी की तरफ मूंगफली के दाने फेंके पहले तो चिमकी डर गई लेकिन जब चिमकी ने देखा कि वो दोनों उसे प्यार से देख रहे हैं तो चिमकी का डर भी कम हो गया और वो मूंगफली खाने लगी। रचित और तनुज ने थोड़े और दाने फेंके अब चिमकी उन दोनों के करीब आ गई थी और उन तीनों में दोस्ती हो गई थी।चिमकी समझ गई थी शहर में अच्छे लोग भी होते हैं।