टीनू एक छोटा प्यारा बच्चा था। एक बार मस्ती करते हुए उसने बहुत से पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचा दिया था। तब उसके सपने में आई थी 'रंगीली' और उसने टीनू को बताया कि टीनू की मस्ती की सजा बेचारे फूल और तितलियों को भुगतनी पड़ रही है। तब टीनू ने रंगीली से वादा किया कि वो हमेशा फूल और पौधों की देखभाल करेगा।
अब टीनू का यही काम था। वो किसी को भी बेवजह फूल पत्ते तोड़ते देखता तो तुरंत उन्हें ऐसा करने से मना करता।
बहुत दिन हो गए थे टीनू के सपने में न तो रंगीली आई और न ही चमकीली या सुनहरी।
एक शाम टीनू बगीचे में बैठा फूलों पर उड़ती रंग-बिरंगी तितलियों को देख रहा था। तभी उसकी नजर गुलाब के एक पीले फूल पर पड़ी। उस फूल के ऊपर अलग-अलग रंगो की एक सतरंगी तितली मंडरा रही थी। टीनू दौड़ कर उसके पास गया।
"ये तो बिल्कुल रंगीली जैसी दिखती है!" टीनू हैरानी से उस तितली को देखने लगा।
"मैं रंगीली ही हुँ।" तितली छन-छनाती आवाज में बोली और आकर टीनू के कंधे पर ही बैठ गई।
"तुम सच में हो?!!" टीनू खुशी से बोला
"सू.... " रंगीली झट से बोली, " नीचे बैठ कर आराम से बात करो, वरना लोग तुम्हें पागल समझेंगे।" रंगीली टीनू से बोली
"पागल! वो क्यों?" टीनू नीचे बैठकर धीरे से बोला
" क्योंकि मुझे सिर्फ तुम सुन सकते हो, तुम मेरे पक्के वाले दोस्त हो न! इसलिए, " रंगीली टीनू के गाल पर अपने पंख से गुदगुदी करती हुई बोली
"सच में?" टीनू खुश होता हुआ बोला
"मुच में।" तितली उसी के अंदाज में बोली
"इसका मतलब तुम मुझसे रोज मिलने आओगी?" टीनू ने पूछा
"अम्म... रोज नहीं लेकिन कभी-कभी आती रहूंगी।" रंगीली थोड़ा सोच कर बोली
"अच्छा, कभी-कभी!" टीनू थोड़ा उदास होते हुए बोला
"रविवार! उस दिन मैं पूरा दिन तुम्हारे साथ रहूंगी!!" रंगीली टीनू को उदास देखकर उसे खुश करने की कोशिश करते हुए बोली
"हाँ! हम उस दिन खूब खेलेंगे!" टीनू चहकते हुए बोला
"लेकिन तुम्हारे दोस्त?" रंगीली ने पूछा
"मेरे घर के आस-पास मेरा कोई भी दोस्त नहीं है। जो है स्कूल के दोस्त है वो भी सब दूर रहते है। हम बस स्कूल में ही मिलते है।" टीनू ने बताया
"ठीक है, क्या मैं अपने दोस्तों को ला सकती हुँ?" रंगीली ने पूछा
"वो सुनहरी और चमकीली न?" टीनू ने पूछा
"तुम्हें तो याद है, हाँ! वही।" रंगीली ने कहा
"ले आना, बहुत मजा आएगा! वैसे तुम लोग आओगी तो क्या खाओगी? मतलब तुम क्या खाती हो? अगर मैं कर सका तो तुम्हारे लिए वो चीज ले आऊंगा।" टीनू बोला
"जो तुम खिला दोगे, हम खा लेंंगी।" रंगीली ने उत्तर दिया
"अच्छा! फिर तो ठीक है!!" टीनू खुश होकर बोला
"तो ठीक है, अब हम अगले रविवार को तुम्हारे घर पर मिलेंगे।" रंगीली उड़ते हुए बोली और अपने पंखो से टीनू को बाय का इशारा किया।
टीनू ने भी रंगीली को बाय किया और खुश होता हुआ घर की तरफ चल दिया। टीनू मन ही मन अगले रविवार की तैयारियां क्या क्या होंगी इनकी लिस्ट बनाने लगा। उसकी तीन स्पेशल दोस्त उसके घर सपनें में नहीं सच में आने वाली थी। इसलिए उनका स्वागत भी उसे स्पेशल करना था।
टीनू ने मन ही मन अगले रविवार के लिए सब कुछ सोच लिया था। अब उसे बेसब्री से अगले रविवार का इंतजार था।
🦋🦋 तो दोस्तों मिलते है अगले भाग में । देखते है आप रंगीली के लिए क्या तैयारियां करते है? आज के लिए बाय बाय👋👋 🦋🦋