एक बार एक बहुत बड़ा जंगल था उसमें बहुत से जंगली जानवर भी रहते थे । एक चूहा मिंटू भी उस जंगल में एक बिल में रहता था। उसने आज तक शेर को नहीं देखा था।एक दिन उसके दिल में ख्याल आया "मैने तो कभी शेर को देखा ही नहीं है और सुना हैं कि वो हमारें राजा है ,हद हैं मैंने अपनें राजा को ही नहीं देखा अब तक आज तो मैं शेर राजा को देखकर ही रहूंगा" ऐसा सोच कर चूहा चल पड़ा शेर की खोज में उसे पता ही नहीं था शेर रहता कहाँ हैं वो तो बस चलने लगा। थोड़ा आगे जाकर उसे खरगोश दिखाई दिया
"खरगोश भाई, खरगोश भाई तुमने हमारें शेर राजा को देखा हैं क्या" मिंटू ने खरगोश से पूछा
खरगोश- नहीं मैंने तो नहीं देखा,पर तुम शेर के बारें में क्यों पूछ रहे हो
मिंटू- मैंने भी कभी शेर को नहीं देखा मैं उन्हें देखना चाहता हुँ
खरगोश- अरे तुम पागल हो गए हो क्या,शेर भी भला कोई देखने वाली चीज है
मिंटू- पर मैं देखना चाहता हुँ, आखिर वो जंगल के राजा हैं
खरगोश-पागल चूहें अपने घर चला जा ,वरना शेर तुझे मारकर खा जायेगा
मिंटू- तुम्हें नहीं बताना मत बताओ ,मैं खुद ही ढूंढ लूंगा।
ऐसा कहकर मिंटू आगे बढ़ गया, चलते -चलते उसे हिरन दिखाई दी
मिंटू-हिरन दीदी,हिरन दीदी तुमने शेर को देखा हैं?
हिरण- हाँ मैंने देखा है लेकिन दूर से ,तुम ऐसा क्यूँ पूछ रहे हो
मिंटू- मुझे भी शेर को देखना हैं, आप मुझे बता देंगी कि शेर कहा रहता है
हिरन-तुम पागल हो गए हो क्या,शेर को भला कौन देखना चाहता हैं
मिंटू- मैं देखना चाहता हुँ प्लीज मुझे भी बताइए न शेरजी कहाँ रहते हैं
हिरण- छोटे चूहें जाओ अपने बिल में और चैन की जिंदगी जियो, शेर के मुँह में खुद ही क्यों जाना चाहते हो
मिंटू- आप बताना नहीं चाहती तो ठीक हैं मैं खुद ही खोज लूंगा
मिंटू फिर आगे बढ़ गया,उसे आज हर हाल में शेर को देखना ही था इसलिए हिरण और खरगोश के कहने पर भी वो नही रुका। मिंटू अभी थोड़ी ही दूर गया था कि उसे बकरी दिखाई दी
मिंटू- बकरी बहन तुमनें शेर को देखा हैं कभी?
बकरी- तुम क्यूँ पूछ रहे हो
मिंटू- मुझे भी शेर को देखना है
बकरी- तुम्हारा दिमाग खराब हो गया हैं क्या,शेर सामने आ जाए तो भाग कर जान बचानी पड़ती हैं और तुम खुद शेर से मिलना चाहते हो,चूहे अपने घर जाओ और भूल जाओ शेर को देखने की बात।
पर मिंटू पर तो शेर को देखने की धुन सवार थी।उसने फिर बकरी से पूछा
मिंटू- अच्छा बकरी बहन ये तो बता दो हमारे शेर राजा दिखते कैसे हैं
बकरी- वो कद में मुझसे भी बड़े होते है,बड़े बड़े पंजे लम्बी पूंछ और पीले रंग के होते हैं
मिंटू- अच्छा तो वो कद में आपसे बड़े भी होते हैं इसलिए आप उनसे डरती हो,पर देखो मैं तो आपसे नहीं डरता।
बकरी- वो कद के साथ-साथ बहुत ताकतवर भी होता है और हम जैसे जानवरों का शिकार करते हैं।इसलिए सब उनसे डरते है। तुम मुझ से नहीं डरते क्योंकि मैं तुम्हे मरूँगी नहीं तुम्हें मुझ से कोई खतरा नहीं हैं ,वो देखो बिल्ली आ गई(बकरी जोर से चिल्लाई)
मिंटू बकरी के पीछे दौड़ गया और डर से कांपते हुए बोला" कहाँ कहाँ हैं बिल्ली,बकरी बहन मुझे बचा लो"
बकरी-😀😀😀😀😀जोर जोर से हँसने लगी फिर बोली बिल्ली तो कद में मुझ से छोटी हैं फिर उससे क्यों डर गए तुम।कोई बिल्ली नहीं हैं सामने आ जाओ
मिंटू ने जब सुना बिल्ली नहीं है तो हँसते हुए बोला" क्या बकरी बहन मैं तो डरने की एक्टिंग कर रहा था,मुझे किसी से डर नहीं लगता । अब तो बता दो शेर के घर का रास्ता
बकरी-अरे नादान चूहें क्यूँ अपनी जान के दुश्मन बने हो। घर चले जाओ
मिंटू-अरे सब एक ही बात की रट लगाए हैं ,घर जाओ घर जाओ। तुम सब एक जैसे हो,तुम बड़े लोग हमेशा ऐसा ही करते हो।
मिंटू फिर चलने लगा था जितना उसे सब मना करते उतना ही
उसकी इच्छा बढ़ जाती। चलते चलते दोपहर हो गई थी उसे भूख भी लग गई थी एक पेड़ पर उसे गिलहरी दिखाई दी।
मिंटू- दोस्त तुम मुझे कुछ खाने को दे सकते हो क्या मुझे बहुत भूख लगी हैं
गिलहरी- हाँ दोस्त क्यों नहीं
गिलहरी ने चूहे को खाना दिया और पूछा तुम इतनी दोपहर में कहाँ जा रहे हो
मिंटू- मैं शेर को देखने जा रहा हुँ।
गिलहरी- पर क्यूँ
मिंटू-क्योंकि मैंने उन्हें कभी नहीं देखा
गिलहरी-पर दोस्त.....
मिंटू- अब तुम भी बाकी सब की तरह मत बोलना।मैं चलता हुँ
मिंटू पर तो बस एक ही धुन सवार थी । चलते चलते शाम होने को आई थी तभी मिंटू को एक बड़ी-सी गुफा दिखाई दी
मिंटू-लगता हैं यही हैं हमारें शेर राजा की गुफा। ये तो सच में बहुत बड़ी है।(पंजे के निशान देख कर ) बाप रे इतने बड़े पंजे के निशान। शेर राजा तो सच में बहुत ही बड़े लगते है।
मिंटू चूहा गुफा के बाहर अपनी बड़-बड़ में लगा हुआ था उधर गुफा के अंदर शेर दिन भर से थका-मांदा लेट कर आराम कर रहा था उसे आज दिन भर कोई भी शिकार नहीं मिला था।उसने सोचा थोड़ा आराम कर लूँ फिर करूँगा शिकार कि तभी उसे बाहर कुछ आवाज सुनाई दी।शेर ने बाहर आकर देखा तो उसे छोटा सा चूहा दिखाई दिया।उसने मन ही मन सोचा इतना सा जानवर इससे तो मेरा पेट भी नहीं भरेगा। लेकिन इसे खाकर पेट को थोड़ी तस्सली तो हो ही जाएगी ये सोचकर वो धीरे-धीरे मिंटू चूहें की तरफ लार टपकाते हुए बढ़ने लगा।
तभी मिंटू ने पलट कर देखा तो शेर बड़े बड़े दांत दिखाते हुए उसी की तरफ बढ़ रहा था। मिंटू डर गया और मन ही मन सोचने लगा सब बड़ो ने मना किया था फिर भी मैंने अपनी जिद नहीं छोड़ी अब तो मर ही जाऊंगा।बड़ी हिम्मत करके वो शेर से बोला" महाराज मुझे खाकर आपको क्या मिलेगा मैं तो आपकी मदद करने आया हुँ"
उसकी बात सुनकर शेर जोर से हंसा -हा हा हा, तुम छोटे से चूहे मेरी क्या मदद करोगे।
मिंटू- महाराज। मैं आपके शिकार को आपके पास ला सकता हुँ
शेर-मैं कैसे मान लूँ
मिंटू-तभी तो मैं यहाँ आया हुँ, वरना मुझे क्या मरने का शौक हैं
शेर को उसकी बातों पर विश्वास आ गया ।मिंटू फिर बोला आप यही कही छुप जाइए मैं आपके लिए किसी शिकार को लेकर आता हुँ
शेर- ठीक है मगर जल्दी आना,मुझे बहुत भूख लगी हैं
मिंटू-ठीक हैं महाराज मैं जल्दी ही आऊंगा
फिर मिंटू वहाँ से तुरन्त निकल गया और मन ही मन बोला"जान बची तो लाखों पाए,लौट के बुद्धू घर को आए"
अब मैं कभी ऐसी जिद नहीं करूँगा
तो देखा मिंटू अपनी जिद के कारण फंस गया था लेकिन फिर अपनी समझदारी से बच भी गया।
😏 जिद करना नहीं,और मुसीबत में डरना नहीं🙄
तो कैसी लगी कहानी कमेन्ट करके जरूर बताना ।