ओ साथी गुनगुनाता चल...
‘सुन साहिबा सुन, प्यार की धुन’, ‘अखियों के झरोखों से मैंने देखा जो साँवरे’, ‘गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा’, ‘जब दीप जले आना, जब शाम ढले आना’, ‘तू जो मेरे सुर में सुर मिला ले’, ‘गीत गाता चल ओ साथी गुनगुनाता चल’, ‘सुनयना आज इन नज़ारों को तुम देखो’ जैसे असंख्य गीत, संगीत प्रेमियों के दिलों की धड़कन हैं; और,