सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमाराहम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन मेंसमझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ कावो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियाँगुलशन है जिसके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हम