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होना तो यह चाहिए था...

19 फरवरी 2018

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रचनाएँ
panditji
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या तो बद्चलन हवाओं का रुख मोड़ देंगे हम , या खुद को वाणी पुत्र कसना छोड़ देंगे हम ।।। हिचकिचाएंगे जिस दिन भी सच लिखने से, कागज़ को फाड़ देंगे और कलम को तोड़ देंगे हम।।

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