27 अप्रैल 2022
सनातन धर्म में “कण-कण में भगवान” का सुंदर भाव हृदय को सदैव से आनंदित करता रहा है। शास्त्र और संतों के अनुसार इस जगत में जो कुछ भी चराचर रूप देख पा रहे हैं उसकी उत्पत्ति, प्रकृति रूपी माँ ‘योगमाया’ की