shabd-logo

डायरी दिनांक ०३/०९/२०२२ - सायंकालीन चर्चा

3 सितम्बर 2022

18 बार देखा गया 18

डायरी दिनांक ०३/०९/२०२२ - सायंकालीन चर्चा 

  शाम के छह बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं ।

  माना जाता है कि ब्राह्मण होना मात्र किसी वर्ण का सूचक नहीं है। अपितु ब्राह्मण वह व्यक्ति है जो कि समाज का आगे बढकर प्रतिनिधित्व करता है। जो कि न केवल खुद सही राह पर चलता है वह समाज का भी पथ प्रदर्शक होता है। उसके आचरण ऐसे होते हैं कि उनपर गर्व किया जा सके। एक ब्राह्मण की दृष्टि में धन संपत्ति मात्र जीवन जीने का साधन हैं, उससे अधिक कुछ भी नहीं। वह संपत्ति, पद या प्रतिष्ठा की चाहत में कोई भी ऐसा कार्य नहीं करता है, जिसके लिये उसे अपने आचरण को गिराना पड़े। दूसरे शव्दों में यह भी कहा जा सकता है कि जिस मनुष्य में ऐसी बातें न हों, वह व्यक्ति ब्राह्मण कुल में जन्म लेकर भी ब्राह्मण नहीं माना जा सकता है।

  उक्त गुणों से युक्त ब्राह्मण ही प्रत्येक स्थिति में पूजनीय है। गोस्वामी तुलसीदास जी का निम्न कथन उन्हीं के लिये लिखा गया है।

शापत ताड़त परुश महंता ।विप्र पूज्य अस गावहिं संता।।

  प्रेम करते करते ऐसी स्थिति का आगमन कि उस स्थिति में प्रेम द्वेष में परिवर्तित हो जाये, स्थिति बड़ी चिंतनीय हो जाती है।कभी कभी तो आपसी मतभेद समाप्त हो जाते हैं तो कभी कभी मतभेद अलगाव के रास्ते पर ले जाते हैं। ऐसे रिश्ते मिटकर भी मन को दुखी करते हैं।

  पहले मनुष्यों में सहनशक्ति अपेक्षाकृत अधिक होती थी। खासकर रिश्तों के मध्य विवाद की स्थिति से लोग बचा करते थे। इसके लिये छोटी मोटी हानि भी सहर्ष उठाया करते थे। पर आज के अति भौतिक युग में सहन करने की अवधारणा लगभग लुप्त होती जा रही है। रिश्तेदारी, घर, परिवार के बाद अब तक स्थिति पति - पत्नी, प्रेमी - प्रेमिका के संबंधों पर भी यही होने लगी है। अथवा ये संबंध भी मात्र स्वार्थ से प्रेरित होने लगे हैं। जब तक स्वार्थ सिद्ध होता रहता है, तभी तक प्रेम रहता है। अन्यथा प्रेम के मिटने में देर नहीं लगती।

  अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।


11
रचनाएँ
दैनंदिनी सितंबर २०२२
0.0
सितंबर माह की डायरियों का संग्रह
1

डायरी दिनांक ०३/०९/२०२२

3 सितम्बर 2022
1
1
0

सुबह के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । कल शव्द इन टीम ने विभिन्न प्रतियोगिताओं का परिणाम घोषित किया। परिणाम देख एक बार फिर से मन खिन्न सा हो गया। ऐसा लगने लगा कि संभवतः शव्द इन टीम ने मनसा पूर्ण

2

डायरी दिनांक ०३/०९/२०२२ - सायंकालीन चर्चा

3 सितम्बर 2022
0
0
0

डायरी दिनांक ०३/०९/२०२२ - सायंकालीन चर्चा शाम के छह बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं । माना जाता है कि ब्राह्मण होना मात्र किसी वर्ण का सूचक नहीं है। अपितु ब्राह्मण वह व्यक्ति है ज

3

डायरी दिनांक ०५/०९/२०२२

5 सितम्बर 2022
1
1
0

डायरी दिनांक ०५/०९/२०२२ सुबह के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वह दर्शन शास्त्र के अध्यापक थे। भारतीय दर्शन क

4

डायरी दिनांक ०६/०९/२०२२

6 सितम्बर 2022
1
1
0

डायरी दिनांक ०६/०९/२०२२ शाम के छह बजकर अठारह मिनट हो रहे हैं । कभी मनुष्य का जीवन भी पशुओं के ही समान था। वह भी दूसरे पशुओं की भांति वनों में रहता था। वन्य फलों और कंदमूल फलों का

5

डायरी दिनांक १०/०९/२०२२

10 सितम्बर 2022
1
1
0

डायरी दिनांक १०/०९/२०२२ शाम के छह बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । आज से पित्र पक्ष का आरंभ हो चुका है।पित्र पक्ष में पितरों के निमित्त किया तर्पण, श्राद्ध, दान आदि से पितर संतुष्ट होते हैं, ऐ

6

डायरी दिनांक ११/०९/२०२२

11 सितम्बर 2022
0
0
0

डायरी दिनांक ११/०९/२०२२ शाम के छह बजकर दस मिनट हो रहे हैं । विगत दिनों विभागीय कार्यों में जैसी व्यस्तता रही, वह व्यस्तता आज महसूस की। आज का तर्पण, अग्यारी आदि संपन्न करने के बाद गौ ग्रास देने

7

डायरी दिनांक १४/०९/२०२२

14 सितम्बर 2022
1
0
0

डायरी दिनांक १४/०९/२०२२ शाम के सात बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । मनुष्य जीवन में कभी कभी ऐसी नादानियाॅ कर देता है कि फिर ताउम्र उन नादानियों पर पश्चाताप करता रहता है। ऐसी ही एक छोटी सी नाद

8

डायरी दिनांक १५/०९/२०२२

15 सितम्बर 2022
3
0
0

डायरी दिनांक १५/०९/२०२२ शाम के पांच बजकर बीस मिनट हो रहे हैं । हम सभी के भीतर एक लेखक छिपा होता है। हालांकि हममें से अधिकांश को ही यह सत्य ज्ञात नहीं होता। सभी के मन में भाव उठते हैं। उन

9

डायरी दिनांक १९/०९/२०२२

19 सितम्बर 2022
3
2
1

डायरी दिनांक १९/०९/२०२२ रात के आठ बज रहे हैं। संसार में ऐसा कोई भी प्राणी नहीं है जिसे अपने जीवन में संघर्ष न करना पड़ा हो। शायद ही ऐसा कोई दिन रहा हो जबकि किसी को बिलकुल भी संघर्ष न करन

10

डायरी दिनांक २१/०९/२०२२

21 सितम्बर 2022
1
1
0

डायरी दिनांक २१/०९/२०२२ रात के आठ बजकर दस मिनट हो रहे हैं । आज कल हम लोग मैसेजों और संवादो के आदान प्रदान में स्माइली का प्रयोग करने लगे हैं। बिना कुछ कहे केवल कुछ चिन्हों के माध्यम से अपन

11

डायरी दिनांक २४/०९/२०२२

24 सितम्बर 2022
2
1
0

डायरी दिनांक २४/०९/२०२२ रात के आठ बजकर दस मिनट हो रहे हैं । विगत दिनों जिस तरह तेज बारिश हुई है, उससे जनजीवन एकदम अस्त व्यस्त सा हो गया है। अभी भी जनपद एटा के बहुत सारे गावों में विद्युत

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए