डायरी दिनांक २१/०९/२०२२
रात के आठ बजकर दस मिनट हो रहे हैं ।
आज कल हम लोग मैसेजों और संवादो के आदान प्रदान में स्माइली का प्रयोग करने लगे हैं। बिना कुछ कहे केवल कुछ चिन्हों के माध्यम से अपने मन की बातों को कहने का चलन बढता जा रहा है। साथ ही साथ एक विशेष तथ्य यह भी है कि सभी स्माइलियों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता है। ऐसी स्थिति में कभी कभी जल्द बाजी में या कभी कभी अज्ञानता के कारण भी कुछ लोग गलत स्माइली का प्रयोग कर देते हैं।
आज एक व्हाट्सअप समूह पर एक सदस्य ने हास्य कलाकार श्री राजू श्रीवास्तव जी के निधन पर शोक व्यक्त किया। उस संदेश के परिपेक्ष्य में दूसरे सदस्यों ने भी अपने अपने तरीके से शोक व्यक्त किया। कुछ ने लिखित में अपनी भावनाओं को व्यक्त किया तो कुछ ने स्माइली का प्रयोग किया। उसी में एक सदस्य ने दुखी दिखने बाली स्माइली के स्थान पर हसती हुई स्माइली पोस्ट कर दी। जिस पर कुछ विवाद सा भी हो गया। हालांकि यह मान लिया गया कि हसने बाली स्माइली भेजने बाले सदस्य ने भूलवश गलत स्माइली चुन ली है।
राजू श्रीवास्तव जी बहुत साधारण परिवार से संबंधित थे। आरंभ से ही उन्हें बड़े कलाकारों की मिमिक्री करने का शौक था। उन्हें शायद पता भी नहीं था कि उनका यही शौक एक दिन उन्हें बुलंदियों पर पहुंचा देगा। गजोधर भैय्या राजू श्रीवास्तव जी द्वारा रचित एक कल्पित पात्र हैं। राजू जी के प्रशंसकों ने इस पात्र को इतना अधिक पसंद किया कि राजू जी का निकनेम ही गजोधर भैय्या पड़ गया। संवादों में हास्य अनुभूति के साथ साथ विभिन्न सजीव और निर्जीवों की अपने चेहरे से ही अनुभूति कराकर हास्य उत्पन्न करा देने में राजू जी सिद्ध हस्त थे। वह चाहे टेबल फेन बनते या स्कूल का घंटा, दर्शक मंत्रमुग्ध होने लगते।
एक महीने से भी अधिक समय से श्री राजू श्रीवास्तव जी मृत्यु से संघर्ष कर रहे थे। आज वह चिर निद्रा में सो गये हैं। मैं परलोक की अवधारणा पर विश्वास करता हूं। उसी अवधारणा के आधार पर लिख रहा हूँ कि उनके परलोक गमन से पूर्व ही स्वर्ग में उनके शो के लिये स्टेज तैयार कर दिया होगा। संभवतः इस समय वह उस दिव्य लोक में अपनी परफोर्मेंस दे रहे होंगें। जैसा कि विदित है कि राजू जी जीवन के पलों को अपने हिसाब से अपने शो में प्रस्तुत करते थे। संभावना है कि उनके आगामी शो में स्वर्ग लोक की परिस्थितियों में कहाॅ कहाँ हास्य आ सकता है, उन बातों का अधिक चित्रण होगा।
आज दिन में कई बार तेज बारिश हुई। अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।