shabd-logo

डायरी दिनांक ०६/०९/२०२२

6 सितम्बर 2022

18 बार देखा गया 18

डायरी दिनांक ०६/०९/२०२२


  शाम के छह बजकर अठारह मिनट हो रहे हैं ।


  कभी मनुष्य का जीवन भी पशुओं के ही समान था। वह भी दूसरे पशुओं की भांति वनों में रहता था। वन्य फलों और कंदमूल फलों का सेवन करता था। दूसरे पशुओं का शिकार भी करता था। धीरे-धीरे बुद्धि बल से मानव ने बहुत अधिक उन्नति की। पूरी पृथ्वी पर मनुष्य का शासन चलने लगा। सामाजिकता निभाने में भी मनुष्य बहुत आगे बढा। सामाजिकता के रूप में वह केवल मनुष्यों के साथ व्यवहार स्थापित करने से ही नहीं रुका अपितु पशुओं के साथ भी उसने सामाजिकता का रिश्ता बनाया। यह अलग बात है कि मनुष्य का पशुओं के साथ संबंध बहुत हद तक स्वार्थ से प्रभावित रहा था। फिर भी उस स्वार्थ के कारण बने रिश्तों में भी कुछ अपनत्व था। घर की पालतू गाय, कुत्ते, गधे, घोड़ों के अतिरिक्त बिल्ली, तोता, गिलहरी आदि जीवों के प्रति उसके मन में स्नेह उत्पन्न हुआ। इसके ठीक विपरीत उपरोक्त विभिन्न पालतू पशु भी अपने स्वामी से स्नेह करने लगे। हालांकि पशुओं का स्नेह भी पूरी तरह निस्वार्थ रहा, इस बात को स्वीकार करना भी संभव नहीं है।


  किसी पर भी भरोसा करना बहुत कठिन कार्य है। इसी के साथ साथ यह भी सत्य है कि मनुष्य को हर पल किसी न किसी पर भरोसा करना होता है। फिर भी किसी पर भी आंख बंद कर भरोसा करना कभी भी उचित नहीं माना गया है।

  आजकल विभागीय व्यस्तता बहुत बढती जा रही हैं। प्रयासों के उपरांत भी बहुत अधिक सफलता नहीं मिल रही है। परिस्थितियां कुछ कठिन हो रही हैं। इन कठिन परिस्थितियों में कुछ नवीन चिंतन का जन्म नहीं हो रहा है।

  वैशालिनी पर कुछ अच्छी समीक्षाएं मिली हैं। हालांकि एक बड़े उपन्यास के अंतिम भाग तक बहुत कम पाठक पहुंचे हैं। किसी भी रचना की श्रेष्ठता का एक मापदंड आरंभ और अंत की श्रेष्ठता भी माना जाता है। तथा प्राप्त समीक्षाओं के आधार पर उपन्यास के आरंभ और अंत को श्रेष्ठ माना जा सकता है।

   अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।


11
रचनाएँ
दैनंदिनी सितंबर २०२२
0.0
सितंबर माह की डायरियों का संग्रह
1

डायरी दिनांक ०३/०९/२०२२

3 सितम्बर 2022
1
1
0

सुबह के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । कल शव्द इन टीम ने विभिन्न प्रतियोगिताओं का परिणाम घोषित किया। परिणाम देख एक बार फिर से मन खिन्न सा हो गया। ऐसा लगने लगा कि संभवतः शव्द इन टीम ने मनसा पूर्ण

2

डायरी दिनांक ०३/०९/२०२२ - सायंकालीन चर्चा

3 सितम्बर 2022
0
0
0

डायरी दिनांक ०३/०९/२०२२ - सायंकालीन चर्चा शाम के छह बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं । माना जाता है कि ब्राह्मण होना मात्र किसी वर्ण का सूचक नहीं है। अपितु ब्राह्मण वह व्यक्ति है ज

3

डायरी दिनांक ०५/०९/२०२२

5 सितम्बर 2022
1
1
0

डायरी दिनांक ०५/०९/२०२२ सुबह के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वह दर्शन शास्त्र के अध्यापक थे। भारतीय दर्शन क

4

डायरी दिनांक ०६/०९/२०२२

6 सितम्बर 2022
1
1
0

डायरी दिनांक ०६/०९/२०२२ शाम के छह बजकर अठारह मिनट हो रहे हैं । कभी मनुष्य का जीवन भी पशुओं के ही समान था। वह भी दूसरे पशुओं की भांति वनों में रहता था। वन्य फलों और कंदमूल फलों का

5

डायरी दिनांक १०/०९/२०२२

10 सितम्बर 2022
1
1
0

डायरी दिनांक १०/०९/२०२२ शाम के छह बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । आज से पित्र पक्ष का आरंभ हो चुका है।पित्र पक्ष में पितरों के निमित्त किया तर्पण, श्राद्ध, दान आदि से पितर संतुष्ट होते हैं, ऐ

6

डायरी दिनांक ११/०९/२०२२

11 सितम्बर 2022
0
0
0

डायरी दिनांक ११/०९/२०२२ शाम के छह बजकर दस मिनट हो रहे हैं । विगत दिनों विभागीय कार्यों में जैसी व्यस्तता रही, वह व्यस्तता आज महसूस की। आज का तर्पण, अग्यारी आदि संपन्न करने के बाद गौ ग्रास देने

7

डायरी दिनांक १४/०९/२०२२

14 सितम्बर 2022
1
0
0

डायरी दिनांक १४/०९/२०२२ शाम के सात बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । मनुष्य जीवन में कभी कभी ऐसी नादानियाॅ कर देता है कि फिर ताउम्र उन नादानियों पर पश्चाताप करता रहता है। ऐसी ही एक छोटी सी नाद

8

डायरी दिनांक १५/०९/२०२२

15 सितम्बर 2022
3
0
0

डायरी दिनांक १५/०९/२०२२ शाम के पांच बजकर बीस मिनट हो रहे हैं । हम सभी के भीतर एक लेखक छिपा होता है। हालांकि हममें से अधिकांश को ही यह सत्य ज्ञात नहीं होता। सभी के मन में भाव उठते हैं। उन

9

डायरी दिनांक १९/०९/२०२२

19 सितम्बर 2022
3
2
1

डायरी दिनांक १९/०९/२०२२ रात के आठ बज रहे हैं। संसार में ऐसा कोई भी प्राणी नहीं है जिसे अपने जीवन में संघर्ष न करना पड़ा हो। शायद ही ऐसा कोई दिन रहा हो जबकि किसी को बिलकुल भी संघर्ष न करन

10

डायरी दिनांक २१/०९/२०२२

21 सितम्बर 2022
1
1
0

डायरी दिनांक २१/०९/२०२२ रात के आठ बजकर दस मिनट हो रहे हैं । आज कल हम लोग मैसेजों और संवादो के आदान प्रदान में स्माइली का प्रयोग करने लगे हैं। बिना कुछ कहे केवल कुछ चिन्हों के माध्यम से अपन

11

डायरी दिनांक २४/०९/२०२२

24 सितम्बर 2022
2
1
0

डायरी दिनांक २४/०९/२०२२ रात के आठ बजकर दस मिनट हो रहे हैं । विगत दिनों जिस तरह तेज बारिश हुई है, उससे जनजीवन एकदम अस्त व्यस्त सा हो गया है। अभी भी जनपद एटा के बहुत सारे गावों में विद्युत

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए