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जीवन इतना क्षणिक कैसे हो सकता है??

14 जनवरी 2022

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रचनाएँ
विचारों की धुन पर झंकृत होता हृदय
5.0
यह एक काव्य संग्रह है।इसमें कुछ ऐसी कविताओं का संग्रह है जो पाठकों के हृदय को झंकृत कर दे।कविताएं अपनी सरल और सुगम्य भाषा तथा कला पक्ष व भाव पक्ष के बल पर पाठकों को जोड़े रखती हैं।
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वो सतरंगी पल

11 सितम्बर 2021
10
12
4

<p>जब मिलेंगे हम तुम</p><p>नदी केे उस पार</p><p>जवां दिलों में होगी खुशी अपार।</p><p>नदी क

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सारा शहर सो रहा है

11 सितम्बर 2021
5
9
0

<div align="left"><p dir="ltr">मध्य रात्रि होने को आ गयी है<br> सारा शहर सो गया है।<br> गलियां सुनसा

3

अगर हृदय हो जाये अवधूत

12 सितम्बर 2021
6
7
3

<div align="left"><p dir="ltr">जीवन छोटा सही <br> नसीबा खोटा सही।<br> हम फिर भी जिंदादिली<br> दिखाएं

4

शाम की चाय की चुस्कियां

20 सितम्बर 2021
2
3
0

<div><span style="font-size: 16px;">शाम का वक़्त हो</span></div><div><span style="font-size: 16px;">म

5

खामोशियाँ

5 अक्टूबर 2021
1
4
0

<div><br></div><div><span style="font-size: 16px;">खामोशियाँ बेशक बेजुबाँ होती हैं</span></div

6

मैं खिड़की के सहारे....

7 अक्टूबर 2021
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0

<div align="left"><p dir="ltr">मैं खिड़की के सहारे<br> ढ़लती हुई शाम को निहार रही हूं<br> टेबल पर पड़ी

7

ईश्वर की अनुपम कृति

9 अक्टूबर 2021
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1
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<div><br></div><div><span style="font-size: 16px;">ईश्वर की अनुपम कृति</span></div><div><span style=

8

प्रेम के मायने आज......

10 अक्टूबर 2021
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1
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<div align="left"><p dir="ltr">प्रेम के मायने आज <br> समझ नहीं आएंगे।<br> जब हमारे बाल सफेद हो

9

हे जीवन! आदर्श के उपवन में यथार्थ की सुगंध बिखेर ले

13 नवम्बर 2021
1
1
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<div align="left"><p dir="ltr">हे जीवन!<br> आदर्श पर उड़ने वाले<br> यथार्थ की पहचान कर ले।<br> माना क

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बेटी!तू आकाश में भले ही उड़ान भरना.....

13 नवम्बर 2021
1
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<div align="left"><p dir="ltr">मेरे घर बेटी आयी<br> जीवन में अपार खुशी लायी।<br> बेटी ही मेरा जहान ह

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विडंबना

16 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">सीता ही दुख सहे<br> राम क्यों नहीं??<br> दर्द औरत ही सहे <br> प

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ज़ख्म दिल का नासूर बन गया....

23 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">ज़ख्म दिल का<br> नासूर बन गया।<br> तुम जफ़ा करते रहे<br> हम दिल स

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जहाँ दिल से चाह हो जाती है....

23 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">जहां दिल से चाह हो जाती है<br> राह खुदमखुद मिल ही जाती है।<br>

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प्राणों का भी अजीब खेल है...

23 नवम्बर 2021
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<div align="left"><div align="left"><p dir="ltr">प्राणों का भी अजीब खेल है<br> कभी कभी ढांचे में अटक

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नसीहत

24 नवम्बर 2021
1
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<div align="left"><div align="left"><p dir="ltr">ईश्वर ने दुनिया में <br> मुझे आते वक्त<br> नसीहत दी

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बचपन

24 नवम्बर 2021
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<div align="left"><div align="left"><p dir="ltr">ईश्वर का दिव्य अवतार है<br> बचपन<br> जीवन में खुशिय

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बंजारा दिल है....

24 नवम्बर 2021
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<div align="left"><div align="left"><p dir="ltr">बंजारा दिल है<br> और तन्हाई है<br> यारा तेरी याद <b

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मुलाकात

24 नवम्बर 2021
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<div align="left"><div align="left"><p dir="ltr">एक शाम नाजुक से मोड़ पर<br> उनसे मुलाकात हो गयी।<br>

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सर्द रात

25 नवम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">सर्द रात</span></div><div><span style="font-size: 16px;"> &

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आसमान से उतरकर.......

19 दिसम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">आसमान से उतर कर<br> आयी कोई खूबसूरत <br> परी हो तुम।<br> माँ बाप की उ

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आज मैं सबको आपबीती सुनाता हूँ...

20 दिसम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">आज सबको मैं आपबीती सुनाता हूँ<br> शादी के बाद अपने माता-पिता में<br>

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रक्षक

22 दिसम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">जन्मते ही इंसान हिफाजत ढूंढता है<br> माँ की गोद से ईश्वर उसे संवारता

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ईश्वर ने मुझे आज थाम.....

28 दिसम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">ईश्वर ने आज मुझे थाम <br> विश्वास का महत्व बताया है <br> आत्मा

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ए विश्वास! बस इतना ही करम तू मुझ पर करना.....

2 जनवरी 2022
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जीने का मकसद मिल गया है तुम जो मिल गए हो। ए विश्वास! जबसे तुमने हाथ मेरा थामा है। अब हर मुश्किल आसां है।। ए विश्वास! बस इतना ही करम तू मुझ पर करना न तो मुझे हीन बनाना और न ही अभिमानी होने देना।।

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जब आप किसी समस्या में हो...

2 जनवरी 2022
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जब आप किसी समस्या में होतो यकीन मानिए कि उस समस्या से लड़ाईखुद को ही लड़नी है।दूसरे आपको सलाह दे सकते हैंमार्ग प्रशस्त कर सकते हैंऔर ज्यादा से ज्यादा..

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तेरी इजाजत हो.....

3 जनवरी 2022
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तेरी इजाजत हो तो तेरे पहलू पे सर रख कर रो दें।गुफ्तगू हाल ए दिल की तुझसे फुर्सत में कर लें।।दुनिया ने बहुत सताया हैतुझसे ही रहम ओ करम की आस कर लें।सुना है सरीफों से बेहतर तो तुम तवायफों के दिल हैंतुम्हीं से वफा ए फरियाद कर लें।। ©प्रवीण कुमार शर्मा

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श्रधांजलि

14 जनवरी 2022
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जब तक इंसान जीवन में रहता है लोग उसे ज्यादा तवज्जो नहीं देते। मौत ही एक ऐसा खूबसूरत पैमाना है जो घटिया से घटिया इंसान में भी अच्छाई निकाल लेता है।। मौत का बड़प्पन तो देखो जीवन भर बुराई में लिप्त

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मरने के बाद...

14 जनवरी 2022
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मरने के बाद उसके पहचान वालों को मैंने हंसते देखा है जो उसके अपने थे उनको भी जीते देखा है।। यही संसार का दुखद सत्य है लेकिन जीने के लिए अपनों को जो परलोक चले गए भूलना पड़ता है यही जीवन का कृत्य है।। भू

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किसी से अपना दर्द बयां करना.....

14 जनवरी 2022
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किसी से अपना दर्द बयां करना स्वयं के ही घाव को किसी गैर के हाथों खुजलवाना है।। गर आप किसी को लगातार अपना दर्द सुना रहे हैं। तो यकीनन आप अपने घाव को निरंतर किसी के हाथों खुजलवाकर नासूर बनाने का न्योता

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रेडियो सिर्फ एक मशीन ही नहीं......

14 जनवरी 2022
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रेडियो सिर्फ एक मशीन ही नहीं लोगों की भावना हुआ करती थी। दूरदर्शन के आने से पहले रेडियो पर ही हर घटना आ जाया करती थी।। बिना देखे ही सिर्फ सुनकर दूर घटित घटना भी आंखों देखी लगती थी। बोलने

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जीवन इतना क्षणिक कैसे हो सकता है??

14 जनवरी 2022
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जीवन इतना क्षणिक कैसे हो सकता है ईश्वर इतना निष्ठुर कैसे हो सकता है अभी अभी खड़ा हुआ व्यक्ति धड़ाम से गिरके हमेशा के लिए जुदा कैसे हो सकता है ??? आज ऐसा ही कुछ हुआ एक व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हुआ खड़ा

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ईश्वर का सबसे अच्छा उपहार.....

14 जनवरी 2022
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ईश्वर का सबसे अच्छा उपहार जीवन है जो कर्मों की पूंजी का फल है।। ईश्वर की सबसे अच्छी बात यह है कि यहां हर कर्म का फल मिलता है। भला कर्म भलाई बुरा कर्म बुराई दिलाता है।। हम सोचें कि करनी करने के बाद क

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जब दिल में जज्बात ही नहीं रहे......

14 जनवरी 2022
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जब दिल में जज्बात ही नहीं रहे जीने की आशा ही नहीं रही तो इस आला को लगाने से क्या फायदा?? इलाज तो उसका होता है जो श्वांस ले रहा हो। निःश्वांस दिल का क्या हो?? जब तुम थे तो ये दिल बल्लियों उछला करता था

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किसी भी कर्म के फल की......

16 जनवरी 2022
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किसी भी कर्म के फल की जब हम अपने मन में लालसा पालते हैं। निश्चित ही उस फल के फलित होने से हम कोसों दूर होते जाते हैं। करम फल तभी फलित होता है जब कोई उसको निष्काम जल से सींचता है। हम बेवजह ही फल

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