इसी धरा , इसी जमीं पर
जीवन मुझे हर बार मिले
हे जन्म भूमि ! माते धरती
हर जन्म में तेरा प्यार मिले।।
कितनी प्यारी ये धरती हैं
कितनी हैं इसकी सुन्दरता
इसकी माटी की सौंधी महक
तन मन को कर देती ताजा
कितनी शक्ती हैं तुझमें माँ
हम सब के बोझ को है झेले
हे जन्म भूमि ! माते धरती
हर जन्म में तेरा प्यार मिले ।।
तेरे आँगन में खेले हम
आँचल में तेरे ही हम हैं पले
तेरे कंधो पर चढकर ही
देखे हैं दुनियाँ के मेले
हर जीव को हर प्राणी को
तेरी ही गोद में शरण मिले
हे जन्म भूमि ! माते धरती
हर जन्म में तेरा प्यार मिले ।।
कितना तुझमें हैं त्याग भरा
कितना तुझमें बलिदान है
अपना कण- कण हमे सौप दिया
क्या इसका भी तुम्हे भान है
कितनी हैं तू सहनशील माँ
ये देख के आँसू बह निकले
हे जन्म भूमि ! माते धरती
हर जन्म में तेरा प्यार मिले ।।
धन्य हुए तुझको पाकर
तेरी गोदी में खेल कर
बन सके अगर तेरे जैसे
एहसान होगा ये जीवन पर
जिन्दा रहूँ तो इसी जमीं पर
इसी जमीं पर दम निकले
हे जन्म भूमि ! माते धरती
हर जन्म में तेरा प्यार मिले।।
आज माँ चित्कार रही
अपने बच्चो को पुकार रही
बंजर-बंजर हो जाँऊ न मैं
संकट में हुँ बचालो तुम्ही
कर पायें नही कुछ माँ के लिए
तो हमको भी धिक्कार रहे
हे जन्म भूमि ! माते धरती
हर जन्म में तेरा प्यार मिले।।