बीत गयी जो बातें बीती
बीत ही उसको जाने दो
नयी सदी के नूतन कल के
गीत नये गुनगुनाने दो।
नये प्रकाश का नया उजाला
नयी हमारी आशाएँ
भरना हैं हमे सब मुट्ठी में
कुछ भी बाकी न रह पाये।
तस्वीर नयी सुनहरे पल की
पहचान नयी बनाने दो
नयी सदी के नूतन कल के
गीत नयें गुनगुनाने दो।
धरती पर विचरण खूब किया
अब आसमान में हैं उडना
करना हैं हमे खुद पर ही यकीं
किस्मत से भी हमको लडना
तकदीर नयी होगी कल की
विश्वास नया जगाने दो
नयी सदी के नूतन कल के
गीत नये गुनगुनाने दो।
प्रेम -प्यार के दीप जले
हर नारी को सम्मान मिले
कोई भी दुख -तकलीफ नहीं
रह पाये न कोई शिकवे-गिले।
समाज नया ,नयी संस्कृति
नियम नये सिखाने दो
नयी सदी के नूतन कल के
गीत नये गुनगुनाने दो
कोई कैसा भी द्वेष नहीं
हर धर्म रहे मतभेद नहीं
आँसू भी अब बस खुशी के हो
कोई पीडित भी शेष नही।
आकाश नया, नयी धरती
इन्सान नये बनाने दो
नयी सदी के नूतन कल के
गीत नये गुनगुनाने दो ।।