पालमपुर एक अहसास है बच्चपन की शरारतों का लड़कपन की यादों कादोस्तों से मुलाकातों का छोटी उम्र के अरमानों का पालमपुर एक जज्बात हैचाय की भीनी खुशुब में चीड़ देवदार के दरख्तों में&n
"जन्मभूमि की रोशनी" कहानीहरिया की हक़ीक़त से यूँ तो गाँव का बच्चा-बच्चा वाकिफ़ है। एक रात कोई अन्जान आदमी पूरब वाली बाग में अपनी खूबसूरत पत्नी रज्जो के साथ खुले आसमान के नीचे, घास-फूस वाली जमीन पर अपना डेरा डाल लिया है। पर क्यों, क्या उसका इस दुनियाँ में कोई ठिकाना ही नहीं है कोई नहीं जानता। सभी लोग मन