जब वो कहती है ना,सब ठीक हो जायेगा।
चिंता नहीं करते।
गलतियाँ इंसान से ही होती हैं,
इतना सोचा नहीं करते।
जब वो ऐसे समझाती है ना,
तो लगता है इस निराशा में भी एक आस है ।
क्या जरुरत है किसी और की,
जब वो साथ है ।
गलतियाँ कितनी ही की हैं मैने,
उसने हमेशा सम्भाला है ।
न जाने कितने संकटों में फँसी हूँ,
हमेशा हर तकलीफ से निकाला है ।
जब वो कहती है ना,
तू रोया ना कर, अच्छा नहीं लगता।
लगता है सिर्फ वही है मेरी,
दुनिया में कोई रिश्ता सच्चा नहीं लगता।
किसी दवा की जरुरत नहीं पड़ती,
जब तक उसकी दुआओं का साथ है ।
क्या जरुरत है किसी और की,
जब वो साथ है ।
जरा-जरा सी बातों से टूट जाती है ।
कितनी पागल है तू!
इतनी जल्दी हौसलों से रूठ जाती है ।
वक़्त ठोकरें देकर ही सिखाता है ।
थोडा मजबूत बन जा, क्या जाता है!
जब वो कहती है ना,
कि तुझे कोई हरा नहीं सकता
तो भरोसा हो जाता है ।
कितना भी बड़ा हो मुसीबतों का आकार,
छोटा हो जाता है ।
उसकी बातें मेरे जख्मों पर,
मरहम का काम करती हैं ।
वो मेरी हिम्मत, मेरी खुशी,
मेरी जिंदगी का दूसरा नाम है ।
क्या जरुरत है किसी और ,
की जब वो साथ है।
-संध्या यादव "साही"