"कुंवारी रात"शब्द इन पर प्रकाशित होने वाली यह मेरी नौंवी कविता संग्रह है,जिसकी पृष्ठभूमि 10जनवरी 2024को एक अस्पताल में तैयार हुई और 21फरवरी 2024को पूर्ण हुई।आज ही मेरी कविता संग्रह "बस! इतना सा" पूरी हुई है। कुंवारी रात की पहली कविता ही सार है इस कविता संग्रह का।इस कविता संग्रह में किस तरह की कविताएं होंगी यह पूरी होने के बाद ही पता चल सकेगा। फिलहाल शुरू है कुंवारी रात, आशा है आप लोगों का साहित्यिक सहयोग प्राप्त होगा।रचना पथ पर एक और कदम कुंवारी रात के साथ।
ओंकार नाथ त्रिपाठी
अशोक नगर बशारतपुर
गोरखपुर, उप्र।