shabd-logo

जीवन की भागदौड़

hindi articles, stories and books related to jiivn kii bhaagdaudd'


रात के 11 बज रहे थे।मोहल्ले की गलियाँ सुनसान हो गयी थीं।उस दिन ऑफिस से लौटने में अंजू को देर हो गयी,हो भी क्यों न कलकत्ते की सड़कों पर वाहनों से ज्यादा लोगों की मौजूदगी होती है और उस दिन भी कोई इसी भीड़

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए