1 जनवरी 2024
रात के 11 बज रहे थे।मोहल्ले की गलियाँ सुनसान हो गयी थीं।उस दिन ऑफिस से लौटने में अंजू को देर हो गयी,हो भी क्यों न कलकत्ते की सड़कों पर वाहनों से ज्यादा लोगों की मौजूदगी होती है और उस दिन भी कोई इसी भीड़