*"चल ना यार आज बहुत देर कर दी माल नही मिला था क्या ,?? तेरे को मालूम हैं न अपुन को माल नही मिलता टाइम पर तो अपनी खसक जाती है ,साला दिल करता है किसी को टपका डालूं ,*"कुंदन यह कहता हुआ रमेश का कॉलर पकड़ कर खींचता है !!
मोहन हड़बड़ा कर कहता है ,*" क्या भाई मैं रोज ढूंढ के लाता हूं आज पुलिस वालो की रेड पड़ी थी इसलिए देर हो गई फिर भी ले आया*"!!
ये चार टपोरी लडको की टोली थी, कुंदन मोहन ,सलीम ,जगत ,सभी 21 ,22 साल के भटके हुए नवजवान थे , जो नए नए गुंडा गिरी में उतरे थे , और दो चार छोटे मोटे कांड करके खुद को तीस मार खान समझ रहे थे ,सभी को ड्रग्स की आदत थी जो आजकल का फ़ैशन बन चुका था ,*"!!
इन चारो का शाम के वक्त सीमा गॉर्डन के कोने में पड़ी एक बेंच फिक्स जगह थी जहां ये बैठकर ड्रग्स लेते थे ,उन्हे देख उसके आस पास बैठे लोग उठ कर चले जाते थे ,कई बार इन लोगो ने कुछ बुजुर्ग और आदमियों को पीट भी दिया था क्योंकि वह इनके बेंच पर बैठें थे ,अंदर जाते ही अपने बेंच पर नजर पड़ते ही इनके आंखों की भौए चढ़ जाती है , !!
सलीम कहता है ,*" कसम खुदा की ये बुड्ढे लोगो को अकल ही नही होती है , अब इसको उठाओ भाई नही तो फालतू मे बुड्ढे को मारते हैं ऐसा कहेंगे लोग ,*"!!
जतिन बेंच के पास जाकर कहता है ,*" ये बुड्ढे इतने बड़े गॉर्डन में तेरे को यही बेंच मिली बैठने को ,*"!!
वह फटे पुराने कपड़ो में बैठा बूढ़ा एक भिखारी सा प्रतीत हो रहा था , वह उनकी ओर देखता है और कहता है,*" बेटा ये जगह जरा शांत और शुकून वाली लगती है ,इसलिए बैठ गया तुम लोग जवान हो कहीं भी बैठ सकते हो ,*"!!
मोहन कहता है ,*" अबे भिखारी चल उठ यहां से धरती के बोझ , तुम लोग इतना दिन जी के क्या करोगे , अपने बच्चो को दुखी करते हो , लोगो को दुखी करते हो ना काम के ना काज के दुश्मन अनाज के ,*"!!
वह बुजुर्ग उसकी ओर देख कर कहते हैं ,*" लगता है तुम्हारे माता पिता ने तुम लोगो को अच्छे संस्कार नही दिए ,*"!!?
तभी कुंदन भड़क कर कहता है ,*"ये संस्कारी भिखारी जा के संस्कार चैनल पे बैठ के प्रवचन कर ये अपुन का फिक्स जगह है इधर मगज मारी नही करने का ,अपुन की खसक गई तो अच्छा नही होगा ,*"!!
वह बुजुर्ग कहते हैं ,*"तुम लोगो को बात करने की भी तमीज नही है ,*"!!
अब कुंदन का धैर्य जवाब दे जाता है ,वह गुस्से में उस बुजुर्ग का हाथ पकड़ कर बेंच से नीचे खींचता है ,और घसीट कर कुछ दूर ले जाता हैं और वहा धकेलते हुए कहता है ,*" अब अगर दुबारा दिखा तो वहीं गाड़ दूंगा एक तो वैसे ही खसकेली है अपुन की ऊपर से अपुन को तमीज सीखा रहा है ,*"!!
वह बुजुर्ग उनको देखने लगता है ,,!!
मोहन उसे और धकेल कर कहता है ,*" जा अब इधर आंख मत दिखा भाई की खसक गई है खेल फोकट बुड्ढे को मारने का इल्जाम चढ़ जायेगा ,तुझे मालूम नहीं है, अभी दो दिन पहले ही बाहर आया है ,302 के केस में जमानत मिली है ,*"!!
वह बुजुर्ग कहता है ,*" ये तुम लोग अच्छा नही कर रहे हो ,बहुत भारी पड़ेगा तुम्हे*"!!
उसके इतना कहते ही कुंदन उसे उसके फटी कमीज से खींचकर उठाता है और दो थप्पड़ मारकर कहता है ,*" तुम बुड्ढों में चर्बी बहुत रहती है , अब निकल ले जो उखाड़ना हो उखाड़ लेना कुंदन ,कुंदन नाम है मेरा बहुत जल्दी डॉन बनूंगा भिखारी समझे चल तुझे और मरने का मूड नही है ,*"!!
वह उसे गेट की ओर धकेलता है , मोहन उसका हाथ पकड़ कर खींचते हुए गेट तक छोड़ता है ,लोग आते जाते देख रहे थे ,पर किसी की हिम्मत नही थी की उस बूढ़े आदमी को घसीटने से रोक सके ,!!
ये मुंबई के सीमा गॉर्डन की घटना थी , वह चारो अपनी जगह पर आ कर बैठते है ,और फिर ड्रग्स सिगरेट में भरकर पीने लगे , उनके आस पास जो लोग थे वह चले गए थे ,*"!!
रात करीब बारह बज रहे थे ,कुंदन अपने घर में गहरी नींद में सो रहा था उसके घर की बेल बजती है उसकी मां दरवाजा खोलती है , तो मोटे तगड़े आदमी उसे हटाकर घर में घुसते हैं और सोए हुए कुंदन को उठाकर गाड़ी में डालकर ली जाते हैं , !!
उसकी मां चिल्लाती रह जाती है , पर गुंडे के घर हेल्प करने कौन आयेगा और विशेष कर ऐसे घटिया लडको की सहायता तो कोई भी नही करना चाहता हैं !!
सुबह चारो का नशा टूटता है तो खुद को एक कमरे में बंधा पाते हैं ,*"!!
तभी एक आदमी आता हैं और उन पर ठंडे पानी का बहाव करता है और फिर हल्का करेंट छोड़ता है तो वह चारों घबरा उठते हैं और चीखने लगते हैं ,और घबराकर उछलने लगते हैं ,*"!!
तभी उस कमरे में आवाज आती है *" ये तो अभी दस वोल्ट पावर का करंट हैं ,थोड़ी देर में यह बढ़ जाएगा ,बीस होगा फिर तीस होगा और फिर 220 तक होगा ,*"!!
कुंदन कहता है ,*" तु कौन है भाई ,तेरा अपुन ने क्या बिगाड़ा , तु अपुन को पहचानता नही है , *"!!
उसके बोलते ही एलक्ट्रिक पावर बढ़ जाता है ,तो वह लोग चीखने लगते हैं , उन्हे जोर के झटके लगने लगते हैं ,*"!!
मोहन चिल्ला कर कांपती हुई आवाज में कहता हैं ** भाई हमे माफ करो हमे क्यों सता रहे हो, हम तो किसी के लफड़े में भी नही पड़ते ,*"!!
आवाज आती है ,*" अच्छा तो गॉर्डन तुम्हारे बाप की बनाई हुई है ,जहां आने जाने वालो पर गुंडा गर्दी करते हो, *"!!
वह चारो चौक उठते हैं , जगत कहता है *" तु कौन है भाई , तेरे को हमारे कामों से क्या लेना देना है ,एक बार छोड़ के तो देख साले तुझे लंबा कर देंगे ,""!!
उसका इतना कहना था की करेंट तेज हो जाता है ,सलीम चिल्ला के बोलता है ,"" कुत्तों बकवास कर के अपनी बंद क्यों बाजवा रहे हो , !!
वह हाथ जोड़ कर बोलता हैं,*" भाई तु जो भी है ,अगर अपुन लोगो से कोई गलती हो तो माफ करो ,खुदा कसम दुबारा वो काम नही करेंगे पर तु है कौन अपनी वॉट लगाने वाली की शकल तो देखें ,*" !!
आवाज आती है ,*" इन कमीनो को ले आओ ,*"!!
सभी को बाहर आने के लिए कहते हैं ,उनका नशा उतर था तो उन्हे ड्रग्स भी चाहिए था क्योंकि बिना ड्रग्स के वह रह नही सकते थे ,उनके हाथ पैर बुरी तरह से कांप रहें थे , बड़ी मुश्किल से वह दो कमरे पार कर एक बड़े से हाल में आते है ,तो वहां पर खड़े उस भिखारी बुड्ढे को देख चौकते हैं वह एकदम टिप टॉप कपड़े में थे , और बहुत ही रूआब दर लग रहे थे ,*"!!
उनको देखते ही मोहन कहता है ,*" अरे बुड्ढे तु तो तेरी हरकत है ये ,*"!!
उसके इतना कहते ही ,उनके पीछे आ रहा आदमी उसे पीछे से जोरदार लात मारता है वह नीचे गिर पड़ता है ,उसके छाती पर पैर रखकर कहता है,*" हरामजादे अपनी औकात में रह , तु माफिया डॉन निशिकांत के सामने खड़ा है ,*"!!
निशिकांत का नाम सुनते ही वह चारो ही कांप उठते हैं *"!!
कुंदन बुजुर्ग से कहता है ,*" बाप तु निशिकांत है , अपुन से गलती हो गई बाप बहुत बड़ी गलती हो गई , *"!!
निशिकांत कहता है ,*" तुम लोग आदमी की हैसियत उसके कपड़े और शरीर से लगाते हो मैं तुम चारो को वही ठोक सकता था पर मैं पब्लिक में टेरर क्रिएट नही करना चाह रहा था , ""!!
चारो कहते हैं ,*" हमे माफ कर दो हम गली के कुत्ते हैं ,हमे जरा भी तमीज नही है ,*"!!
निशिकांत मुस्करा कर अपने आदमियों को देखता है , और कहता है*" सांप को छोड़ने से क्या होता है ,*"!!
वह कहता है ** बॉस पलट कर काटता है ,*"!!
दूसरे दिन चारो की लाशे एक गटर के किनारे पड़ी मिलती है , शहर से कुछ कचरा कम होता है *"!!
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