ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त पद्मश्री प्रतिभा राय की कहानियाँ सामाजिक बुराइयों और अन्याय की जमकर निंदा करती है। इनकी कहानियाँ जीवन की अंतरंग अनुभूतियों से सराबोर तथा मानवता के पक्ष में हमेशा तटस्थ होकर खड़ी दिखाई देती है। इस कहानी-संग्रह में इक्कीस कहान
ये कहानियां मेरे लिए अत्यंत महत्वरॉपूर्ण हैं, क्योंकि इनके सहारे ही मैंने पहली बार महानगर की उलझी हुई जिंदगी के छोर सुलझाए थे।
मैंने देखा है कि कमलेश्वर ने कभी भी किसी ‘डॉग्मा’ से चालित होकर लिखना स्वीकार नहीं किया । कमलेश्वर की हर कहानी उसके जीवनानुभवों से निकली है । कमलेश्वर ने पढ़-पढ़कर संक्रांति के नहीं झेला है, बल्कि स्वय जिया है… उसकी शायद ही कोई ऐसी कहानी हो, जिसके सूत्
चमचमाती इमारतों और अन्य सुविधाओं की बजाय संवेदनशील लोग ही दुनिया को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाते हैं। दृढ संकल्पित व्यक्ति को उसके लक्ष्य तक पहुँचने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसे लोगों की ईश्वर भी मदद करता है। अगली पीढ़ी को समग्र रूप से मजबूत बनाने के ल
मसाला चाय आंशिक रूप से संवेदनशील, आंशिक रूप से गहन और पूरी तरह से मंत्रमुग्ध करने वाली कहानियों का एक और वर्गीकरण है जो उनके अत्यधिक चौकस और मेहनती लेखक की पहचान बनने लगी है। हर कहानी की जड़ें सांसारिक हैं। लेकिन यह सरल के गहन और गहन प्रतिपादन का सरल
यह कहानी एक लड़की की कहानी है जो एक लड़के के लिए उसकी दोस्त बना जाती है।