28 जनवरी 2015
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ई आम आईटी professionalD
मंज़िल नहीं मिली, आशा फिर बाकि है | कहे रहे है लोग , आशा फिर भी बाकि है | हो रहा अधेरा ,आशा फिर भी बाकि है | थक चूका हु में ,आशा फिर भी बाकि है | धड़कन रही है थम , आशा फिर भी बाकि है | कहे रहा हु खुद से ,आशा अभी बाकि है |
वो डरते है की हमें रास्तो की पहचान नहीं है और हमें लगता है की कही हम उनमे न खो जाइ...