फिर इस शहर में यारों लगने जा रहा है लाक डाउन, फिर खामोश रहेगा यारो अपना बेहद वाचाल टाउन । सबको बस अपने ही घर में यारों बेबस रहना पड़ेगा , लैला के दर्शन के लिए मजनूँ को और तड़पना पड़ेगा। पता नहीं लाक डाउन से शहर को क्या फायदा होगा? क्या व किसे फायदा होगा प्रशासन ही जानता होगा ? ये शायद विशेषज्ञों की सलाह से ही किया जा रहा है हमको तन्हाई का दरबार फिर से ही दिया जा रहा है। तन्हा रह के ही हम कोरोना के चैन को तोड़ पायेंगे, और राहे-कोरोना को हम चीन की ओर मोड़ पायेंगे। इस सरकारी तरीके से भले ही कोरोना न मारा जायेगा, पर इसी तौर से मंदुओं के शौक को और उभारा जायेगा। ( डॉ संजय दानी )
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