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कविताएं कुछ कहती हैं

भारद्वाज रौशन कुमार "प्रिय"

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मन के भावों को शब्दों में पिरोकर सृजन करने का एक अलग ही आनंद है। सामान्यतः यह मानी जाती है कि रचनाएं कवि की कल्पना मात्र होती है, लेकिन सच तो ये है कि कवि अपनी कल्पनाओं में भी उसी हकीकत का जिक्र करता है , जो वो जीता है अर्थात् जो वह अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में अपनें आस पास देखता है। 

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