दुनिया में जो कोई भी अपने वजूद से भागता फिर रहा है वो भगोड़ा है, और ये कहानी भी उत्तराखंड के एक ऐसे लड़के की है जो जिंदगी में बस भागता रहा है। ये कहानी भटकने और भटक जाने के बीच झूलती पहाड़ के एक लड़के सचिन की कहानी और सचिन से उसके केदार बनने की कहानी है। उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में पैदा हुआ केदार जिसके घर में बस दादा, माँ और पिता ही हैं। उसकी जिंदगी में कुछ ऐसा घटता है कि वो बात करना ही बंद कर देता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है इसकी माँ। जो इसे जान से ज्यादा प्यार करती थी मगर जब माँ ही गुजर गयी तो लड़का भगोड़ा हो गया। उत्तराखंड की संस्कृति, उत्तरप्रदेश से अलग होने के बाद विकास के नाम पर खाली होते गावों और होटल व्यवसाय जहाँ सेना के बाद उत्तररखण्ड के सबसे ज्यादा युवा रोजगार पाते हैं उसके इर्द गिर्द ही ये कहानी घूमती है। जिसमे केदारनाथ आपदा, ऋषिकेश हरिद्वार जैसे किनारों का भी जिक्र है उम्मीद है आपको ये कहानी पसंद आएगी।