लिखा ओंकार ने कभीबैठकर इक दिन सच में मानव तूँ इक दिन हैरान होगारुकेंगी बसें विमान ट्राम और रेलें बंद पलों मेंसारा सामान होगालिखा ओंकार ने कभी बैठकर इक दिन सच में मानव तूँइक दिन हैरान होगापक्षी चहकेंगे सुखी साँस होगा प्रदूषण रहित तबसारा संसार होगापाताल धरती पानी आकाश पर काबज कैद घर में इक दिनइंसान हो