पापा की प्यारी सी डाटे ,
माँ की प्यारी सी मुश्कुराहट
पापा देखते खराब हमेसा ,
उन बच्चो के सहारे
क्या क्या नहीं करते है पापा ,
सब से लड़ जाते है पापा
पापा पापा कर्ज बच्चे ,
जब आते पापा काम करके
पापा प्यार से अपनी थेली को खोलते ,
स्वादिष्ट मिठाईयों को निकलते
दे देते सब कुछ बच्चो को बात के ,
खिलखिलाते बच्चे नाच उठते झूम के!
मैया देखती ख्वाब हमेसा ,
कब होगी बिटिया की बियाह
पाल पोस के करती बिटिया को बड़ी ,
भेज देती दुसरो के घर
फिर क्यों वो रोती है
जब ससुराल वो जाती है फिर क्यों वो रोती है
जब ससुराल वो जाती है
ख्वाब है बडे बड़े अरमान सजोये हुवे
करनी पढ़ती सबको विदाई
जग है बहुत बडा रे बिटिया
जा तू घर बसा रे बिटिया
हम तो करेंगे ख्वाब पुरे तम्हारे
तुम रहना ख्वाब सनजोये।।