छोटे छोटे दो दोस्त थे । एक गरीब था और दुसरा अमीर था । गरीब अनाथ था गरीब के पास कुछ नही था रहने को घर भी नही था । लेकिन अमीर दोस्त उसे किसी भी तरह की तकलीफ सहन नही करने देता था । जब वो अपने गरीब दोस्त को घर ले जाता था तो उसके पापा उसके गरीब दोस्त से नफरत करते थे ।
उससे हमेशा कहते थे कि बेटा इन गरीबो के मुहँ मत लगा करो ये गरीब लोग अच्छे नही होते हमारे पास बहुत पैसा है अमीर लडको के साथ घुमा करो। पर इस बात पर वो अपने पापा से कुछ नही कहता था और अपने दोस्त से अपने पापा कि तरफ से माफी माँग लेता था वो काफी घुलमिल गये थे ।
पर उसके पापा को बुरा लग रहा था वो अपने बेटे को लेकर शहर चले गये गरीब दोस्त अब अकेला रह गया 10 बर्ष गुजर गये लेकिन वो दोस्त शहर से वापस नही आया
उधर अमीर दोस्त अपनी अमीरी कि जिन्दंगी मे खुश नही था वो अपने दोस्त को बहुत याद करता था एक दिन अचानक अमीर दोस्त का एक्सीडेँट हो गया और उसमे उसकी दोनो आँखे चली गई .
उसके पापा ने डॉक्टरो से कहा कि मेरी या मेरी पत्नी कि एक आँख मेरे बेटे को लगा दो पर डॉक्टरो ने इनकार कर दिया कि आपकी आँखे बुढी हो गई है ये काम नही आयेँगी,
उसका पापा बोला कि जितना चाहे पैसा लगा दो पर कहीँ से भी मेरे बेटे के लिए दो या दो नही मिले तो एक आँख जरुर लेकर आओ, पर कहीँ पर भी आँखे नही मिली उसका पापा जोर जोर से रोते रोते कहने लगा कि "हे भगवान कहीँ से भी मेरे बेटे के आँखे लगा दे चाहे इसके बदले मुझसे मेरी सारी दौलत ले ले मुझे गरीबी ही देदे पर मेरे बेटे के आँखे लगवा दे"
थोडी देर बाद डॉक्टर ने कहा कि एक आँख का इंतजाम हो गया कुछ दिनो बाद जब वो ठीक हो गया तो उसके पापा ने डॉक्टर से पुछा कि आँख किसने दी तो डॉक्टर ने कहा उस लडके ने अपने बारे में तो कुछ नही बताया ये खत उसने आपके लिए दिया है उसके पापा ने जब वह खत पढा तो उसकी आँखो मे आंसू आ गऐ उसमे लिखा था....
"शायद आज आपको अहसास हो जाए कि पैसे से बढकर भी दुनिया में बहुत से रिश्ते है जिन्हें हम पहचानना और निभाना भूल जाते है.."
"आपके लड़के का गरीब दोस्त" .