आज भोरे जईसन खोली खिड़की देखा कलुआ की होत रही पिटाई,
मारत रही पुलिस वाली अम्मा नीचे लेटा रहा कलुआ बनकर चटाई।
बोलत रहा कलुआ "अम्मा अब न निकली बाहर कसम महरारू की,"
अम्मा न मानी बोली "हराम खोर तोके ज़रूरत ब केवल झाड़ू की"।
नीचे लेटा रहा कलुआ खात रहा मुफ़्त के डंडे,
बोलत रहा " मोर अम्मा निकले रहे लेने अण्डे"।
देख कर कलुआ कि ई हालत हमरी तो अंदर से आत्मा गई कांप,
मनुवा म सोचा "भगवान बचा ले ली नहीं तो पड़ता हमें भी कंटाप"।
बोली अम्मा "बोलत रहे निकलो न बाहर, बाहर Corona है,
पर तोरे जईसन जाहिल हर जगह ब यही तो देश का रोना है"।
©IvanMaximus.